उत्तरप्रदेश के रायबरेली में बुधवार को देश का सबसे बड़ा थर्मल पावर प्लांट हादसा हुआ है। एनटीपीसी के ऊंचाहार पावर प्लांट में हुए इस हादसे में 25 लोगों की मौत हो गई। 200 से ज्यादा झुलस गए हैं। घायलों को
रायबरेली, लखनऊ और इलाहाबाद के अस्पतालों में भर्ती कराया गया है। हादसे की वजह पाइप पर प्रेशर बढ़ना बताई जा रही है। एनटीपीसी का 500 मेगावॉट का छठा नया प्लांट 200 मेगावॉट के लोड के साथ चल रहा था। बुधवार दोपहर करीब साढ़े तीन बजे बॉयलर से जुड़ी पाइप पर प्रेशर बढ़ने से बॉयलर में विस्फोट हो गया। धमाका इतना जबरदस्त था कि इसकी गूंज 4 किलोमीटर दूर तक सुनाई पड़ी। 90 फीट ऊंचे बॉयलर से कोयले की राख लावा की तरह मजदूरों पर गिरने लगी। पूरी यूनिट भांप और धुएं से भर गई। इससे पूरे प्लांट में अफरातफरी मच गई। हादसे के वक्त प्लांट में करीब एक हजार मजदूर काम कर रहे थे। एनटीपीसी के तीन एजीएम प्रभात कुमार, मिश्रीलाल और संजीव सक्सेना भी घायल हुए हैं।
प्लांट में डेढ़ हजार से ज्यादा लोग काम करते हैं: एनटीपीसी की रायबरेली यूनिट में 1500 से ज्यादा कर्मचारी-अधिकारी काम करते हैं। प्लांट का इसी साल 31 मार्च को ट्रायल रन शुरू हुआ। हादसे के बाद प्रशासन के साथ एनडीआरएफ की 32 सदस्यीय टीम राहत कार्यों में जुटी रही। प्रशासन के अनुसार मरने वालों की संख्या में इजाफा हो सकता है। कई मजदूर 90 प्रतिशत से ज्यादा झुलस गए हैं और उनकी स्थिति गंभीर है। मॉरीशस दौरे पर गए सीएम योगी आदित्यनाथ ने पीड़ितों को हरसंभव मदद उपलब्ध करवाने के निर्देश दिए हैं। ऑल इंडिया पावर सेक्टर ऑफिसर्स एप्लाइज यूनियन के महासचिव शैलेंद्र दुबे ने कहा कि यह देश के थर्मल पावर सेक्टर का सबसे बड़ा हादसा है। मामले की गंभीरता से जांच होनी चाहिए।