Thursday, November 2, 2017

खिचड़ी बनेगी नेशनल फूड, चार नवंबर को वर्ल्ड फूड इंडिया में हो सकती है औपचारिक घोषणा: इंटरनेशनल कुजीन के तौर पर ब्रांडिंग भी

साभार: भास्कर समाचार
खिचड़ी को देश के नेशनल फूड का दर्जा मिलने वाला है। दिल्ली में 3-5 नवंबर तक वर्ल्ड फूड इंडिया का आयोजन होना है। इसके दूसरे दिन खिचड़ी को औपचारिक रूप से 'इंडियन कुजीन' का दर्जा दिए जाने की
घोषणा हो सकती है। इसका प्रस्ताव खाद्य प्रसंस्करण मंत्रालय ने केंद्र को भेजा था। मंत्रालय ने खिचड़ी के पक्ष में तीन तर्क भी दिए थे, जिनसे केंद्र सहमत रहा। अब चार नवंबर को इससे जुड़ी घोषणा के साथ ही यहां 800 किलो खिचड़ी बनाकर विश्व रिकॉर्ड बनाने की भी कोशिश होगी। इतनी खिचड़ी बनाने के लिए 1000 लीटर क्षमता और 7 फीट व्यास वाला बर्तन चढ़ेगा। पूरी खिचड़ी अनाथ बच्चों में बांटी जाएगी। सेलेब्रिटी शेफ संजीव कपूर इवेंट के ब्रांड एम्बेस्डर होंगे। 
आधिकारिक रूप से किसी व्यंजन को नेशनल फूड घोषित कर देने का प्रावधान अब तक किसी देश में नहीं है। हर देश में वहां के लोगों की पसंद के हिसाब से ही किसी व्यंजन को नेशनल कुजीन मान लिया जाता है। इससे उस डिश की पहचान और महत्व पर कोई खास फर्क नहीं पड़ता। खिचड़ी के साथ भी ऐसा ही है। इंडियन कुजीन का दर्जा खिचड़ी को महज 'गुड फूड' मानकर दिया जा रहा है। न्यूयॉर्क की हॉफस्ट्रा यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर जिल्किया जेनर ने फूड कल्चर पर अपने एक अध्ययन में कहा भी था कि 'किसी भी देश के लिए एक व्यंजन को ऑफीशियल फूड बना देना मुश्किल ही होगा। खासकर भारत जैसे विविधता वाले देश के लिए तो ये संभव ही नहीं है।' बाकी देशों में भी लोकप्रिय व्यंजन को ही नेशनल कुजीन मान लिया गया है। 
नेशनल फ़ूड बनाने के पीछे चार तर्क: 
  1. खिचड़ी ऐसी डिश है, जो अमीर और गरीब हर तबके के लोगों की पसंद है। 
  2. दाल, चावल और कुछ मसालों के इस्तेमाल से ही बनती है। साथ में स्वादिष्ट और पौष्टिक होती है। 
  3. खिचड़ी बनाने में कम समय लगता है। खर्च भी कम आता है। 
  4. मुख्य रूप से उत्तर भारत की डिश है, लेकिन अलग-अलग दालों के प्रयोग से दक्षिण भारत तक खाई जाती है।