Sunday, December 17, 2017

USA के विदेश मंत्री ने कहा - उत्तर कोरिया से खतरा है, रक्षा मंत्री बोले कोई डर नहीं

साभार: भास्कर समाचार
अमेरिकी विदेश मंत्री रैक्स टिलरसन ने उत्तर कोरिया को अमेरिका और उसके मित्र देशों के लिए अभी भी सबसे बड़ा खतरा बताया है। दूसरी ओर विदेश मंत्री जेम्स मैटिस ने कहा है कि उत्तर कोरिया के मिसाइल परीक्षण के
बावजूद अमेरिका पर परमाणु हमले का खतरा नहीं है। टिलरसन ने शुक्रवार को यूएन सुरक्षा परिषद की बैठक में कहा कि हमारे राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने उत्तर कोरिया को अमेरिका की सुरक्षा के लिए सबसे बड़ा सुरक्षा खतरा बताया था, जो आज भी सही है। टिलरसन ने कहा कि उत्तर कोरिया की बढ़ती क्षमता अमेरिका और विश्व के लिए खतरे का संकेत है और हम इसे कोरी धमकी नहीं मानते। सुरक्षा परिषद की बैठक में जापान सहित अन्य देशों के विदेश मंत्री शामिल थे। इससे पहले यूएन महासचिव एंटोनियो गुतेरेज ने कहा, "विश्व में आज कोरियाई महाद्वीप की स्थिति बहुत तनावपूर्ण और खतरनाक है।'  
  • उ. कोरिया की ह्वासोंग-15 मिसाइल से अमेरिका को खतरा नहीं - मैटिस: अमेरिकी रक्षा मंत्री जेम्स मैटिस ने कहा कि उत्तर कोरिया अंतरमहाद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइल ह्वासोंग-15 परीक्षण से अमेरिका को फिलहाल कोई खतरा नहीं है। मैटिस ने पेंटागन में पत्रकारों से कहा, 'उत्तर कोरिया के आईसीबीएम से उत्पन्न खतरे को लेकर विश्लेषण किया गया, जिसमें पाया गया है कि अभी फिलहाल यह हमारे लिए खतरा नहीं है... हम अभी भी फोरेंसिक विश्लेषण कर रहे हैं।' उत्तर कोरिया ने 29 नवंबर को ह्वासोंग-15 का परीक्षण किया था। 
  • उत्तर कोरिया सबसे शक्तिशाली परमाणु एवं सैन्य शक्ति: यूएन में उत्तर कोरिया के स्थाई प्रतिनिधि जा सोंग-नाम ने अपने देश को सबसे शक्तिशाली परमाणु एवं सैन्य महाशक्ति करार दिया है। यूएन सुरक्षा परिषद की बैठक में सोंग-नाम ने कहा, 'प्योंगयांग परमाणु और मिसाइल कार्यक्रम में आगे बढ़ेगा और दो मोर्चो पर एकसाथ आगे बढ़ने के साथ देश ने परमाणु सैन्य स्तर पर विश्व का सबसे ताकतवर देश बनने के लिए काफी प्रगति की है।' 
जापान ने बढ़ाया रक्षा बजट, उ. कोरिया से निपटने के लिए रक्षा बजट में की 2.75 % की बढ़ोतरी: उत्तर कोरिया से मिल रही रक्षा चुनौतियों से निपटने के लिए जापान अपनी सुरक्षा मजबूत करेगा। इसके लिए अप्रैल 2018 के रक्षा बजट में बढ़ोतरी कर इसे 2.95 लाख करोड़ रुपए (46 अरब डॉलर) करने की योजना है, जो चालू वित्त वर्ष में 2.91 लाख करोड़ रुपए है। यह जापान के रक्षा बजट में लगातार छठे साल बढ़ोतरी होगी। इसी साल लगातार तीसरी बार प्रधानमंत्री चुने गए शिंजो आबे ने अपने चुनावी अभियान में रक्षा को मुख्य मुद्दा बनाया था आैर रक्षा बजट बढ़ाने के संकेत दिए थे। जापान का यह कदम उसके शांतिवादी संविधान के खिलाफ है, जिसमें अंतरराष्ट्रीय विवादों के निपटारे के लिए बल प्रयोग की मनाही है। 
  • मिसाइल रक्षा प्रणाली लगाने की योजना: जापान बढ़े रक्षा बजट का ज्यादातर हिस्सा उत्तर कोरिया के परमाणु हथियार और मिसाइलों से रक्षा पर खर्च करेगा। इसमें अमेरिकी सेना की मिसाइल रोधक प्रणाली लगाने का खर्च शामिल है। पिछले सप्ताह जापान के रक्षा मंत्री इत्सुनोरी ओनोडेरा ने कहा था कि अमेरिकी कंपनी से 900 किमी तक मार करने वाली लंबी दूरी की मिसाइलें खरीदेंगे।