साभार: जागरण समाचार
दिल्ली-एनसीआर मे आने वाले दिनों में पिज्जा-बर्गर की तरह ताजा दूध, फल, सब्जी, मछली और पोल्ट्री उत्पाद एक कॉल पर आपके दरवाजे पर डिलीवर होंगे। गुरुग्राम में हरियाणा के कृषि एवं किसान कल्याण
विभाग ने दो दिन तक राष्ट्र स्तरीय पेरी-अर्बन एग्रीकल्चर में इसी कॉन्सेप्ट को धरातल पर उतारने के लिए मंथन किया।
पेरी अर्बन कॉन्सेप्ट पर हरियाणा ने तेजी से काम किया है। बीजिंग शहर की आबादी की जरूरतों को पूरा करने के लिए खान-पान की अधिकतर चीजें आस-पास से ही जुटा ली जाती है, जबकि दिल्ली एनसीआर की जरूरतों को पूरा करने में पश्चिम बंगाल, आंध्र प्रदेश सहित देश के दूरदराज क्षेत्रों का बड़ा योगदान है। इसी वजह से कीमत और खाद्य उत्पादों की ताजगी के मोर्चे पर भी उपभोक्ताओं को गुणवत्ता से समझौता भी करना पड़ता है। हरित क्रांति से देश को अनाज के मामले में आत्म निर्भर बनाने वाले हरियाणा के किसानों को भी अब उद्यमशील बनाने के लिए पेरी अर्बन फार्मिंग आईडिया पर तेजी से काम शुरू हुआ है।
अधिकारियों को एक-एक पहलू के बारे में विस्तार से जानकारी दी: धनखड़ ने खुद एक पावर प्वाइंट प्रजेंटेशन तैयार की और में आए किसानों, कृषि वैज्ञानिकों और डेयरी-कृषि-फिशरीज-हार्टिकल्चर के एक्सपर्ट व अधिकारियों को एक-एक पहलू के बारे में विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने कहा कि बाजार की जरूरतों के अनुसार काम करने से हम किसानों की आमदनी तो डबल करेंगे ही, साथ ही चार करोड़ आबादी को कम कीमत पर रोजाना ताजा फूड प्रोडक्ट डिलीवर कर सकेंगे। उन्होंने बताया कि हमारी लोकेशन दिल्ली के करीब है और हमें इसका फायदा उठाना चाहिए। एग्रीकल्चर को एग्री-सर्विस में बदलने के लिए गुरुग्राम में एग्री बिजनेस स्कूल भी खोला जाएगा। गुरुग्राम में फूलों की मंडी खोलने पर काम चल रहा है।