साभार: जागरण समाचार
सुप्रीम कोर्ट ने नेताओं के खिलाफ लंबित आपराधिक मामलों और उनमें हुई सजा का ब्योरा मांगा है। कोर्ट ने सजायाफ्ता नेताओं के चुनाव लड़ने पर आजीवन रोक लगाए जाने की मांग पर सुनवाई करते हुए याचिकाकर्ता
से इस बारे में आंकड़े पेश करने को कहा है, ताकि सजा और केस निपटाने की स्थिति का पता चल सके। इस मामले में बुधवार को भी सुनवाई जारी रहेगी।
वकील और भाजपा प्रवक्ता अश्विनी उपाध्याय ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर आपराधिक मामले में दोषी करार सजायाफ्ता जनप्रतिनिधियों के चुनाव लड़ने पर आजीवन रोक लगाने की मांग की है। इस मामले में कई अन्य लोगों ने भी अर्जी दाखिल कर पक्षकार बनने की गुजारिश की है। न्यायमूर्ति रंजन गोगोई व न्यायमूर्ति नवीन सिन्हा की पीठ आजकल मामले की मेरिट पर सुनवाई कर रही है। मंगलवार को याचिकाकर्ता के वकील कृष्णा वेणुगोपाल ने ऐसे नेताओं पर आजीवन प्रतिबंध लगाने की मांग की।
दोषी नेताओं के चुनाव लड़ने पर आजीवन रोक की मांग का मामला: लोकसभा के 34 फीसद सदस्य आपराधिक पृष्ठभूमि केयहां सजा के बाद छह साल तक चुनाव लड़ने पर रोक के मसले पर बहस हो रही है। लेकिन, कुछ मामलों में तो 20-20 साल तक केस लंबित रहता है और इस बीच जनप्रतिनिधि चार कार्यकाल पूरे कर लेता है। फिर सजा के बाद छह साल की अयोग्यता का क्या मतलब? -सुप्रीम कोर्ट