Wednesday, November 1, 2017

डोकलाम जैसा विवाद रोकने के लिए अब चीन की सेना भी सीखेगी हिंदी

साभार: भास्कर समाचार
भारत की सीमा पर डोकलाम जैसे विवाद को रोकने के लिए चीन की सेना को हिंदी सीखनी चाहिए। यह सुझाव चीन के इंस्टीट्यूट ऑफ इंटरनेशनल रिलेशंस के शंघाई एकेडमी ऑफ सोशल साइंसेज के रिसर्च फेलो हू झियोंग
ने दिया है। झियोंग ने कहा, 'डोकलाम विवाद के बाद चिंतित भारत ने गलतफहमी के कारण पैदा होने वाले विवादों से बचने और बेहतर संवाद के लिए अपने सैनिकों को मंदारिन सीखने को कहा है।' उन्हाेंने कहा कि सीमा पर तैनात होने वाले जवानों को एक-दूसरे की भाषा की समझ होनी चाहिए। चीन ने चिड़िया के आकार के एक ऐसे ड्रोन का परीक्षण किया है, जो आसमान से जासूसी कर सकेगा। यह चीन की सेना के लिए काफी उपयोगी बताया जा रहा है। 
नहीं बन रही ब्रह्मपुत्र को मोड़ने के लिए सुरंग - चीन: चीन ने टनल बनाकर ब्रह्मपुत्र नदी का रुख मोड़ने की रिपोर्टों का खंडन किया है। चीन के विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता हुआ चुनयिंग ने मंगलवार को कहा कि यह रिपोर्ट गलत है। चुनयिंग ने कहा कि ब्रह्मपुत्र को लेकर चीन सीमापार से आपसी सहयोग बनाए रखेगा। साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट ने सोमवार को अपनी एक रिपोर्ट में दावा किया था कि अरुणाचल प्रदेश के पास तिब्बत से चीन 1000 किमी लंबी सुरंग बनाकर ब्रह्मपुत्र का पानी अपने रेगिस्तानी इलाके झिंजियान प्रांत में पहुंचाएगा। 
चीन ने जासूसी ड्रोन का परीक्षण किया: चीन ने चिड़िया के आकार के एक ऐसे ड्रोन का परीक्षण किया है, जो आसमान से जासूसी कर सकेगा। यह चीन की सेना के लिए काफी उपयोगी बताया जा रहा है। हांगकांग से प्रकाशित साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट ने मंगलवार को इस ड्रोन की रिपोर्ट दी है।