साभार: जागरण समाचार
गुजरात चुनाव को लेकर मचे राजनीतिक घमासान के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सीना ठोकते हुए कहा है कि उन्होंने देश को सही दिशा में ले जाने के लिए बड़े कदम उठाए हैं। इसके लिए वह किसी भी राजनीतिक परिणाम
के लिए तैयार हैं। लेकिन, लगे हाथों उन्होंने जीएसटी और नोटबंदी को चुनावी मुद्दा बना रहे कांग्रेस पर भी निशाना साधा और पूछा कि उन्हें देश हित में फैसले लेने से कौन रोक रहा था? जिस काल में ‘भ्रष्टाचार ही शिष्टाचार’ बना हुआ था, वह देश के लिए कितना सही था?
गुजरात विधानसभा चुनाव के लिए प्रचार चरम पर है। कांग्रेस ने पूरा दम जीएसटी और नोटबंदी पर लगा दिया है। कांग्रेस की नजर खासतौर से व्यापारियों पर है। ऐसे में दिल्ली के एक कार्यक्रम में प्रधानमंत्री ने जिस तरह खम ठोक कर दावा किया कि वह किसी भी राजनीतिक परिणाम के लिए तैयार हैं, उसके अलग-अलग अर्थ लगाए जा सकते हैं। लेकिन अगले ही पल उन्होंने यह भी जता दिया कि देश उनके साथ है। यही विश्वास था, जिसके दम पर उन्होंने कहा कि देश को भ्रष्टाचार मुक्त और विकासोन्मुख बनाने के लिए कदम उठाए जाते रहेंगे।
प्रधानमंत्री ने पूर्ववर्ती संप्रग काल की याद दिलाते हुए कहा कि उस वक्त भारत कमजोर देशों में गिना जाता था। नीतिगत अनिर्णय हावी था। प्रशासनिक ढांचा और बैंकिंग व्यवस्था चरमरा रही थी। आज स्थिति पूरी तरह बदली हुई है। और इसीलिए वैसे लोग जो सोचते हैं कि जादुई छड़ी काम नहीं करती है, वह डरे हुए और निराश हैं। लेकिन, सरकार को ऐसे कदम उठाने से कोई नहीं रोक सकता है, जो देशहित में जरूरी हैं।
संप्रग काल में कमजोर देशों में होती थी भारत की गिनती: देश को मैं जहां तक ले जाना चाहता हूं, उसके लिए मैंने जो रास्ता चुना है और उसके लिए मुङो जो बड़ी राजनीतिक कीमत चुकानी पड़ेगी, उसका मुङो अहसास है। लेकिन, मैं इसके लिए तैयार हूं। - नरेंद्र मोदी, प्रधानमंत्री
- ऐतिहासिक फैसलों से बदलाव
- पीएम ने जीएसटी को ऐतिहासिक फैसला बताते हुए कहा कि इसने पारदर्शिता की शुरुआत की है।
- सेवाओं के लिए आधार की जरूरत से लीकेज रुकेगी, बेनामी संपत्ति रखना संभव नहीं होगा।
- नोटबंदी से समाज में व्यावहारिक बदलाव आया। गलत तरीके से काला धन इकट्ठा करने वाले लोगों के दिल में अब खौफ है।