साभार: भास्कर समाचार
मय्यड़-रामायण टोल प्लाजा के विरोध की गूंज एनएचएआई मुख्यालय तक पहुंच गई है। इनेलो सांसद दुष्यंत सिंह चौटाला ने हिसार के चारों ओर लगे टोल प्लाजा का पूरा मामला राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण
(एनएचएआई) चेयरमैन दीपक कुमार के संज्ञान में रखा। चेयरमैन ने उच्च स्तरीय जांच कमेटी गठित करने के आदेश दिए। यह कमेटी 8 दिसंबर को हिसार में लगे सभी टोल प्लाजा की जांच करेगी। यदि नियमों की उल्लंघना पाई गई तो टोल प्लाजा को हटा दिया जाएगा। यह कमेटी हिसार के अलावा प्रदेश के अन्य टोल-प्लाजा की भी जांच करेगी।
कमेटी इस दौरान हिसार में स्थापित सभी टोल बैरियर के बीच की दूरी नापेगी। टीम सबसे पहले रामायण टोल प्लाजा पहुंचेगी। इसके बाद सरसौद और चिकनवास टोल प्लाजा की जांच की जाएगी। टोल वसूलने वाली कंपनी के अधिकारियों से भी पूछताछ करेगी कि टोल स्थापित करते समय कौन-कौन से नियमों का पालन किया गया। सांसद दुष्यंत ने चेयरमैन को सौंपे पत्र में एनएचएआई के नियमों का ही हवाला देते हुए कहा कि कोई भी टोल प्लाजा नगर परिषद या नगर निगम की 10 किलोमीटर की परिधि में नहीं हो सकता। जबकि रामायण टोल प्लाजा हांसी नप से मात्र 4.1 किलोमीटर हिसार निगम की सीमा से 3.7 किलोमीटर है। ऐसे में रामायण टोल प्लाजा स्थापित नहीं किया जा सकता। हिसार में सरसौद चिकनवास टोल प्लाजा के बीच की दूरी भी 60 किलोमीटर से कम है।