साभार: भास्कर समाचार
हरियाणा की सरकारी नौकरियों में किस जाति के कितने कर्मचारी हैं, इसका खुलासा संभवतः इसी सप्ताह हो जाएगा। सरकार ने राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग को सभी कर्मचारियों का जातिगत डाटा उपलब्ध कराया है।
आयोग इस डाटा को अपनी वेबसाइट पर प्रदर्शित करने के साथ इस संबंध में आम लोगों से दावे एवं आपत्तियां आमंत्रित करेगा। जिसके आधार पर आयोग की ओर से 31 मार्च, 2018 से पहले सरकार को रिपोर्ट सौंपी जाएगी। इसी रिपोर्ट पर जाटों समेत 6 जातियों के आरक्षण का मुद्दा तय होगा। राज्य सरकार की ओर से आयोग को हालांकि कर्मचारियों का जातिगत डाटा उपलब्ध कराया था, लेकिन यह आधा-अधूरा और काफी बिखरा हुआ था। इससे आयोग को पता ही नहीं चल रहा था कि नौकरियों में किस वर्ग का कितना प्रतिनिधित्व है। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक राज्य में सरकारी कर्मचारियों की संख्या 2.58 लाख बताई थी। इनमें से 2.41 लाख कर्मचारियों का डाटा आयोग को भिजवाया था। आयोग ने बाकी 17 हजार अन्य कर्मचारियों का भी जातिगत डाटा जुटाने और टेबल फॉर्म में प्रतिशत के हिसाब से डाटा उपलब्ध कराने को कहा है।
राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग ने सरकारी नौकरियों में जातिगत प्रतिनिधित्व की सही तस्वीर पेश करने के लिए सरकार को निर्देश दिए हैं कि वह विभागों के अलावा बोर्ड, कॉरपोरेशन, आयोग, विश्वविद्यालय, अस्पताल और अन्य उन सभी संस्थाओं के कर्मचारियों का भी जातिगत डाटा जुटाए जो सरकार के नियंत्रण में अथवा सरकारी आर्थिक सहयोग से चल रही हैं।
आरक्षण के समर्थन में 545, खिलाफ 10 ज्ञापन मिले: राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग को जाट समेत 6 जातियों के आरक्षण के समर्थन में अब तक 524 ऑनलाइन और करीब 20 दावे प्रतिनिधि मंडलों के माध्यम से मिले हैं। जबकि आरक्षण को लेकर करीब 10 आपत्तियां भी आई हैं। अब इन्हें आयोग की वेबसाइट पर इसी सप्ताह प्रदर्शित कर दिया जाएगा। इनके संबंध में कोई भी व्यक्ति अगर अपना ऐतराज दर्ज कराना चाहता है तो वह 30 दिसंबर, 2017 तक आयोग में ऐतराज दर्ज करवा सकता है। इसके बाद रिकॉर्ड और आंकड़ों के विश्लेषण के बाद आयोग 31 मार्च, 2018 तक अपनी रिपोर्ट सौंप देगा। - जस्टिस एसएन अग्रवाल, चेयरमैन राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग हरियाणा।