साभार: जागरण समाचार
केंद्र की राजग सरकार तीन तलाक देकर पत्नी को निराश्रित छोड़ने वाले पतियों को सबक सिखाने के लिए कड़ा कानून लाने की तैयारी कर रही है। कानून के मसौदे पर राज्यों से राय मांगी गई है। कानून में एक बार में तीन
तलाक यानी तलाक-ए-बिद्दत संज्ञेय और गैर जमानती अपराध होगा। इसमें दोषी पति को तीन साल तक की कैद और जुर्माने का प्रावधान होगा। सुप्रीम कोर्ट ने गत 22 अगस्त को एक बार में तीन तलाक को असंवैधानिक बताकर निरस्त कर दिया था। सुप्रीम कोर्ट से असंवैधानिक घोषित होने के बावजूद लगातार तीन तलाक की घटनाएं हो रही थीं। इसके मद्देनजर प्रधानमंत्री ने नए कानून पर विचार करने के लिए मंत्रिमंडलीय कमेटी का गठन किया था। इसमें राजनाथ सिंह, सुषमा स्वराज, अरुण जेटली, रविशंकर प्रसाद, पीपी चौधरी और डॉक्टर जितेंद्र सिंह शामिल थे। सरकार ने पीड़ित मुस्लिम महिलाओं को सुरक्षा देने और पतियों की मनमानी पर अंकुश लगाने के लिए कड़ा कानून लाने की ठानी है।