साभार: जागरण समाचार
हरियाणा के 16.17 लाख किसानों के लिए अच्छी खबर है। अब पराली से बिजली बनाने की योजना है। इससे प्रदूषण से राहत के साथ किसानों की आमदनी भी
होगी। कोयले में 10% पराली मिलाई जाएगी और उसका बिजली प्लांट में ईंधन के रूप में इस्तेमाल होगा। केंद्रीय बिजली मंत्री आरके सिंह ने गुरुवार को 'प्रधानमंत्री सहज बिजली हर घर योजना' वेब पोर्टल की लॉन्चिंग के दौरान कहा कि किसानों से पराली की खरीद 5500 रु. प्रति टन की दर से की जाएगी। इसके लिए एनटीपीसी की ओर से जल्द टेंडर जारी किया जा सकता है। एक एकड़ में 2 टन (जड़ से काटने पर तीन टन) तक पराली निकलती है। इससे बिजली संयंत्रों पर अतिरिक्त भार भी नहीं बढ़ेगा। बिजली सचिव एके भल्ला ने कहा कि पराली का इस सीजन में ईंधन के तौर पर उपयोग नहीं हो पाएगा, लेकिन इस सिस्टम को अपनाया जा रहा है।
इससे तूड़ी के दामों मेंं भी 500 से 1000 रु. प्रति टन तक की बढ़ोतरी हो सकती है। जिसका लाभ भी किसानों को ही मिलेगा। हालांकि, पशुपालकों को यह बढ़ी कीमत चुकानी पड़ेगी। - डॉ.आरके पान्नू, पूर्व डीन, एग्रीकल्चर काॅलेज, एचएयू
सरकार का यह फैसला प्रदेश की ग्रामीण अर्थव्यस्था को पूरी तरह बदलकर रख देगा। केवल पराली बेचकर ही किसानों को 5,308 करोड़ रुपए प्राप्त हो सकते हैं। यह कीमत लगभग उतनी ही है, जितनी लागत किसान को प्रति एकड़ धान लगाने पर आती है।
सरकार का यह फैसला प्रदेश की ग्रामीण अर्थव्यस्था को पूरी तरह बदलकर रख देगा। केवल पराली बेचकर ही किसानों को 5,308 करोड़ रुपए प्राप्त हो सकते हैं। यह कीमत लगभग उतनी ही है, जितनी लागत किसान को प्रति एकड़ धान लगाने पर आती है।