Thursday, November 23, 2017

National Assessment Survey के नतीजों के आधार पर बनेगी लर्निंग के स्तर को बेहतर बनाने की नीति

साभार: भास्कर समाचार
तमाम कोशिशों के बावजूद स्कूल स्तर पर छात्रों के लर्निंग का स्तर लगातार खराब हो रहा है। इसमें सुधार के लिए पिछले दिनों देशभर में असेसमेंट सर्वे का आयोजन किया गया, जिसमें 25 लाख से ज्यादा स्कूली ज्यादा
छात्र शामिल हुए। इसके नतीजों के आधार पर सरकार शिक्षा व्यवस्था को बेहतर करने के तरीके तलाशेगी। सर्वे के नतीजों का असर नई शिक्षा नीति पर भी देखने को मिल सकता है। 
नेशनल असेसमेंट सर्वे में शामिल हुए सरकारी और सहायता प्राप्त स्कूलों के 25 लाख छात्र: हाल ही में नेशनल काउंसिल ऑफ एजुकेशनल रिसर्च एंड ट्रेनिंग (एनसीईआरटी) द्वारा नेशनल असेसमेंट सर्वे का अायोजन किया था। सर्वे में देशभर के करीब 25 लाख छात्रों ने भाग लिया। प्रत्येक जिले में स्थित सरकारी और सरकारी सहायता प्राप्त स्कूलों में यह सर्वे आयोजित किया गया। इस सर्वे में तीसरी, पांचवीं और आठवीं कक्षा के छात्र हुए। इसमें छात्रों से भाषा, मैथ्स, साइंस और सोशल सांइस विषयों से संबंधित सवाल पूछे गए। इस सर्वे का उद्देश्य देशभर के सरकारी और सरकारी सहायता प्राप्त स्कूलों में शिक्षा की स्थिति का जायजा लेना है। इसके नतीजों के आधार पर शिक्षा में मौजूद खामियों का पता लगाया जाएगा। 
मार्च के अंत तक पूरी होगी एनालिसिस: इस सर्वे के नतीजों से समस्याओं का पता तो चल सकता है, लेकिन इसे हल करने के लिए क्या उपयुक्त कदम उठाए जाएंगे यह देखना होगा। इसके नतीजों का प्रभाव एजुकेशन पॉलिसी में देखने को मिल सकता है, जो करीब दो वर्षों से अधर में है। वहीं कक्षाओं में शिक्षा के खराब स्तर का कारण शिक्षकों का ट्रेंड होना भी है। हालांकि हाल ही में इसे सुधारने के लिए सरकार ने कुछ प्रयास किए हैं, जिसमें शिक्षकों की ट्रेनिंग के लिए कोर्स संचालित करना शामिल है। 
स्कूल जाने वाले छात्र भी सीख नहीं पातेयूनेस्को द्वारा विश्व शिक्षा पर जारी की गई रिपोर्ट में शिक्षा के खराब स्तर के लिए कक्षाओं में पढ़ाई के खराब स्तर को प्रमुख कारण बताया गया था। इसमें चिंता जताई गई थी प्राइमरी और अपर प्राइमरी स्तर पर स्कूल जाने वाले छात्र भी पढ़ पाने में सक्षम नहीं होते हैं। दक्षिण एशियाई देशों में यह समस्या ज्यादा है, जिसमें भारत भी शामिल है। वहीं इससे पूर्व ग्रामीण क्षेत्रों के स्कूल पर किए गए एक सर्वे में यह बात सामने आई थी कि प्राइमरी स्तर पर छात्र गणित के मामूली सवाल तक हल नहीं कर पाते हैं। रिपोर्ट के अनुसार तीसरी कक्षा के सिर्फ 27.6 फीसदी छात्र ही घटाना (सबट्रैक्शन) करने में सक्षम हैं। इंग्लिश को लेकर भी यही हालत है और पिछले पांच वर्षों के दौरान भी इसमें कोई खास सुधार नहीं आया है। 
इंग्लिश का वाक्य पढ़ सकने वाले 5 वीं कक्षा के छात्र: 
राज्य
2012
2014
2016
उत्तरप्रदेश
4.4
7
4.8
राजस्थान
5.1
5.4
9.4
हरियाणा
17.3
23.6
29.4
मध्यप्रदेश
4.8
4.3
5.6
केरल
52.4
51.4
57.4