साभार: जागरण समाचार
हरियाणा शिक्षा विभाग की ओर से बच्चों को दी जाने वाली साइकिलों में होने वाली गड़बड़ी को रोकने के लिए विभाग ने एक फैसला किया है। इसके तहत अब विभाग नहीं, बल्कि बच्चों के अभिभावक खुद यह साइकिल
खरीदेंगे। साइकिल खरीदने के बाद अभिभावकों को रसीद विभाग में जमा करानी होगी। इसके लिए विभाग की ओर से सभी जिला अधिकारियों को पत्र भी जारी किया जा चुका है। बता दें कि शिक्षा विभाग कक्षा छठी कक्षा के अनुसूचित जाति के विद्यार्थियों को मुफ्त में साइकिल देता है। अभी तक विभाग की तरफ से साइकिल खरीदकर बच्चों की दी जाती थी। पहले विभाग मुख्यालय स्तर पर साइकिल को खरीदकर उन्हें सभी जिलों में भेजता था। वहां से साइकिल यहां आने और उन्हें फिर बांटने में काफी समय लग जाता था और इसी दौरान साइकिलों में काफी खराब भी हो जाती थी। इस कारण से अभिभावक भी काफी शिकायत करते थे। इसी संशय को दूर करने के लिए शिक्षा विभाग ने इस बार नया कदम उठाया है।दो दिन में मांगी रिपोर्ट: जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी ने सभी स्कूल मुखियाओं दो दिन में रिपोर्ट मांगी है। उन्हें बताना होगा कि उनके यहां कितनी साइकिल की जरूरत है। उसके बाद विभाग उन बच्चों के खाते में रुपये डाल देगा। रुपये आने के बाद अभिभावक अपने बच्चों के लिए साइकिल खरीद सकेंगे।
- विभाग की ओर से सभी डीईओ को जारी किया गया पत्रनिदेशालय का पत्र मिला है। जिसके अनुसार छठी में पढ़ने वाले अनुसूचित जाति के बच्चों ने खुद साइकिल खरीदनी है। इसका बिल जमा करवाने के बाद उनके खातों में पैसा आएगा। निदेशालय पूर्व के वर्षों के आधार पर पैसा जमा करवाएगा। वर्ष 2013 की बात करें तो प्रति साइकिल 2500 रुपये तय थे। निदेशालय के पत्र अनुसार कार्रवाई की जाएगी। - संत कुमार बिश्नोई, डीईईओ, सिरसा
- इस बार बच्चों के खातों में ही राशि आएगी और अभिभावक खुद साइकिल खरीद सकेंगे। इसके बाद रसीद स्कूल मुखिया के पास जमा करवानी होगी। - संगीता बिश्नोई, डीईईओ, फतेहाबाद।