साभार: भास्कर समाचार
स्कूल की टूटी हुई इमारत से अपनी जान की रक्षा अनिवार्य विषयों को पढ़ाने के लिए शिक्षक की मांग को लेकर सात छात्रों ने पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट में याचिका दायर की है। कैथल जिले के बालू गांव के कक्षा छठी से
दसवीं तक के सात छात्रों अमरजीत, अभिषेक, सौरभ, अजय, मंदीप, सावन, विकास ने अपने वकील प्रदीप रापडिया के माध्यम से याचिका दायर कर कहा कि संविधान के अनुच्छेद 21 (ए) के अंतर्गत बच्चों को नि:शुल्क अनिवार्य शिक्षा का मौलिक अधिकार दिया गया है लेकिन टूटी हुई कक्षा की इमारत बिना अध्यापकों के मौलिक अधिकार किसी काम का नहीं है। जस्टिस राकेश कुमार जैन ने हरियाणा सरकार को फटकार लगाते हुए सरकारी स्कूलों की स्थिति पर चिंता जताते हुए मुख्य सचिव को हिदायत दी कि वो एफिडेविट दायर करके कोर्ट को बताये कि पूरे हरियाणा के सरकारी स्कूलों में अध्यापकों के कितने पद खाली हैं। कितने स्कूलों में लड़के लड़कियों के लिए पीने के पानी शौचालय की समुचित व्यवस्था है। कैथल के जिला शिक्षा अधिकारी बालू स्कूल के प्रिंसिपल को भी नोटिस जारी करते हुए कोर्ट ने 23 अक्टूबर के लिए सुनवाई तय की है। याचिका में कहा गया कि कई साल पहले कक्षा की इमारत को कंडम घोषित किया गया था। इससे बच्चों को जान को लगातार खतरा बना हुआ है। आधे से ज्यादा सेशन बीत जाने के बाद भी स्कूल में साइंस मैथ जैसे अनिवार्य विषयों के लिए शिक्षक ही नहीं है। स्कूल के 45 से अधिक बच्चों ने अपने हाथ से पत्र लिखकर मौलिक शिक्षा निदेशक जिला शिक्षा अधिकारी को भी मामले से अवगत करवाते हुए लिखा था कि स्कूल की टूटी हुई इमारत से पत्थर के टुकड़े गिरते हैं और उन्होंने जब से दाखिला लिया है उनको विज्ञान का अध्यापक नहीं मिला और ना ही स्कूल में पीने के पानी शौचालय की व्यवस्था है।