साभार: जागरण समाचार
दुष्कर्म मामलों में डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम को सजा होने के बाद डेरे की रौनक भी गायब हो गई है। बीते वर्ष दिवाली पर जहां डेरे में दो लाख दीये जलाकर रिकार्ड कायम किया गया था, वहां इस बार अंधेरा
छाया हुआ है। तब मिट्टी के दीये जलाकर स्वदेशी अपनाने की बात कही गई थी। देश में एक साथ इतने दीये कहीं भी नहीं जले थे, जिस कारण यह रिकार्ड डेरा सच्चा सौदा के नाम बना। इस बार परिस्थितियां विपरीत हैं। बाबा को सजा होने के बाद से डेरा में किसी प्रकार की रौनक नहीं है। डेरा सच्चा सौदा के मुख्य गेट बंद हैं और यहां आवाजाही भी नहीं हो रही है, जबकि पिछले वर्ष यहां चारों तरफ प्रकाश ही प्रकाश था। यहां हर वर्ष दिवाली पर मजलिस होती थी और उसके बाद डेरा अनुयायी एक-दूसरे के साथ दीवाली का पर्व मनाते थे।
जुटी थी भारी संगत: पिछले साल डेरा में गुरमीत राम रहीम की फिल्मों के टाइटल को साध संगत ने दीयों से एमएसजी ‘शेर दिल‘,‘लायन हार्ट’ जैसे नाम लिखे। इसके अलावा हरियाणा, पंजाब, राजस्थान, उत्तर प्रदेश सहित देशभर में ब्लॉकों की साध-संगत ने नामचर्चा घरों और अपने घरों को भी मिट्टी के दीयों से ही सजाया। डेरा में दिवाली पर्व पर हर वर्ष पर मजलिस में बाबा की तस्वीरों वाले पोस्टर खूब बिकते थे। इन पोस्टरों की नए व पुराने डेरे में स्टालें लगाई जाती थी। प्रत्येक अनुयायी बाबा के अलग-अलग अंदाज वाले इन पोस्टरों की खरीदारी करता था।