Sunday, October 29, 2017

सजायाफ्ता डेरा चीफ गुरमीत का बेटा जसमीत देखने लगा डेरे का काम, साध-संगत की योजना नाकाम

साभार: भास्कर समाचार
साध्वी यौन शोषण मामले में दोषी करार होने के बाद रोहतक की सुनारिया जेल में 20 साल की सजा काट रहे डेरा सच्चा सौदा के प्रमुख गुरमीत राम रहीम का शाही परिवार 61 दिन बाद फिर से डेरा परिसर में अपने आवास
पर लौट आया है। 25 अगस्त को राम रहीम के दोषी करार दिए जाने के बाद परिवार ने डेरा छोड़ दिया था। ये लोग राजस्थान स्थित गुरुसर मोडिया में बने डेरे पर रहने चले गए थे। सूत्रों के अनुसार 26 अक्टूबर को ये लोग वापस डेरे में गए हैं। हालांकि परिवार का कोई भी सदस्य मीडिया से बातचीत करना नहीं चाहता है। डेरे में भी मीडियापर्सन के जाने पर ही पूरी तरह से पाबंदी लगाई हुई है। इस बीच डेरा के सूत्रों की मानें तो डेरामुखी का बेटा जसमीत इंसां ने अप्रत्यक्ष रूप से डेरे की बागडोर संभालनी शुरू कर दी है। 
बताया जा रहा कि उसने डेरे में एक साध संगत कराने की भी योजना बनाई थी, पर वह परवान नहीं चढ़ पाई। खुफिया रिपोर्ट प्रशासन के पास पहुंचने के कारण यह मामला टल गया। गौर हो कि हनीप्रीत और डेरे की बैठक में रची गई पंचकूला हिंसा की साजिश के सवालों के चक्कर में डेरा की चेयरपर्सन विपासना इंसां पंचकूला पुलिस के जाल में उलझ गई है। बार-बार विपासना को पूछताछ के लिए तलब किया जाता है। इस कारण से वह डेरे में कम समय दे पा रही है। 

पुराने डेरे के चलते बनाई साध संगत की योजना: दरअसल, बेगू रोड पर स्थित पुराने डेरे में साध संगत का आवागमन शुरू हो गया है। साध संगत आती है और माथा टेक कर चली जाती है। वहां कुछ श्रद्धालुओं ने प्रशासन से संगत की अनुमति भी मांगी थी लेकिन मिली नहीं। इसी के चलते डेरे में संगत की योजना बनाई गई थी कि पुराने डेरे में आने वाले श्रद्धालुओं को यहां बुलाया जाएगा। 
पुलिस फाेर्स भी नाममात्र की, गेट नंबर 7 खुला: डेरा मुख्यालय के इर्दगिर्द अब पुलिस फोर्स भी नाममात्र की ही तैनात है। हालांकि बेगू रोड पर शााह सतनाम सिंह चौक और नेजियाखेड़ा टी प्वाइंट तक नाके तो अभी भी लगे हुए हैं। डेरा में सत्संग हाॅल में एंट्री के लिए बेगू रोड पर बने सभी गेट बंद हैं। गेट नंबर 7 अधखुला रहता है और उस पर डेरा सेवक तैनात हैं। 
देश द्रोह के आरोप में अम्बाला की सेंट्रल जेल में बंद डेरामुखी की खास राजदार और मुहं बोली बेटी हनीप्रीत की गिरफ्तारी के बाद शाही परिवार सामने आया था। उसके बाद जसमीत इंसां अपनी दादी नसीब कौर परिवार के अन्य सदस्यों के साथ पिता गुरमीत राम रहीम से मिलने रोहतक की सुनारियां जेल में गए थे। बताया जाता है कि वहीं, बाबा ने अप्रत्यक्ष रूप से डेरा संचालन की जिम्मेदारी जसमीत इंसां को दे दी थी। वहां से वापस आने के कुछ दिन बाद जसमीत इंसां अपने परिवार के साथ डेरा में अावास पर आए। अब धीरे-धीरे वहां गतिविधि सामान्य करने की कोशिश की जा रही है।