साभार: भास्कर समाचार
राम रहीम दौलतमंद अनुयायियों को हरदम अपनी सीट के पास बैठाता था ताकि वह उसके वश में रहें इन 42 अनुयायियों में बलकरा निवासी मृतक सोमबीर भी शामिल था जिसे बाबा अपने करीब रखता था। यह खुलासा
मामले की जांच के लिए गठित एसआईटी टीम सदस्य इंस्पेक्टर रघबीर सिंह ने किया है। बाबा के जेल जाने के बाद अनुयायी सोमबीर ने अपने खेत में बने कुएं में गिरकर आत्महत्या कर ली थी। जिसके बाद मृतक के परिजनों ने डेरे पर उनकी जमीन साढ़े तीन करोड़ रुपए धोखाधड़ी से हड़पने के आरोप लगाए थे। पुलिस अधीक्षक सुनील दलाल ने डीएसपी सुरेश हुड्डा के नेतृत्व में मामले की जांच करने के लिए एसआईटी टीम गठित की थी। राम रहीम अपने अनुयायियों से सीधे तौर पर जमीन रुपए नहीं लेता था, बल्कि बाबा ने डेेरे की जमीन एक कंपनी एआरजेड यूनिक इंटरप्राइजिज को दी थी, जिसके अनुयायियों से शेयर खरीदने के लिए रुपए लगवा देता था। इस कंपनी के रास्ते ही अनुयायियों की दौलत बाबा के पास जाती थी। क्योंकि उक्त कंपनी के संचालक भी डेरे के ही अनुयायी हैं, जिससे यह अंदाजा लगाया जा रहा है। एसआईटी टीम के सदस्य इंस्पेक्टर रघबीर सिंह ने बताया कि मृतक सोमबीर के परिजनों ने आरोप लगाए थे कि सोमबीर ने 12 एक जमीन डेरे के नाम की थी और 22 एकड़ जमीन बेचकर 3 करोड़ 20 लाख रुपए डेरे के होटल पर साझेदारी के नाम पर दिए थे। ऐसे में एसआईटी मामले की जांच करने सिरसा पहुंची थी। जहां डेरे की चेयरपर्सन विपासना से भी पूछताछ की गई तो उन्होंने बताया कि सोमबीर ने डेरे को कोई जमीन रुपए नहीं दिए हैं जो चैक दिए हैं वह एआरजेड यूनिक इंटरप्राइजिज को दिए गए हैं।
इंस्पेक्टर रघबीर ने बताया कि डेरे में सेवादार ओमप्रकाश बरेटा ने डेरे की जमीन 2033 तक एग्रीमेंट करवा जमीन पट्टे पर ली हुई है। इस जमीन पर ही कंपनी का ऑफिस भी बना हुआ है जिसे काफी समय से ताला लगा है और सभी लोग फरार हैं।