साभार: भास्कर समाचार
बारह ज्योतिर्लिंगों में शामिल उज्जैन के महाकाल शिवलिंग पर अब सिर्फ आरओ के पानी से ही जलाभिषेक हो पाएगा। शिवलिंग काे क्षरण से बचाने के लिए मंदिर समिति के आठ सुझावों को सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को
मंजूरी दे दी। नई व्यवस्था में आरओ का आधा लीटर पानी ही चढ़ाने की इजाजत मिलेगी। दूध या पंचामृत के लिए भी 1.25 लीटर की मात्रा तय कर दी गई है। शाम पांच बजे अभिषेक पूरा होने पर शिवलिंग की सफाई की जाएगी। अगली सुनवाई 30 नवंबर को होगी। - श्रद्धालु आधा लीटर से ज्यादा जल नहीं चढ़ाएंगे।
- अभिषेक के लिए पानी 2016 में मंदिर में स्थापित आरओ प्लांट से लिया जाएगा। गर्भगृह के पास कनेक्शन दिए जाएंगे।
- हर श्रद्धालु को 1.25 लीटर दूध या पंचामृत चढ़ाने की इजाजत होगी।
- हर शाम 5 बजे जलाभिषेक के बाद गर्भगृह और शिवलिंग को सुखाया जाएगा। इसके बाद जलाभिषेक नहीं होगा।
- चीनी पाउडर लगाने की इजाजत नहीं।
- भस्म आरती के दौरान शिवलिंग सूखे सूती कपड़े से ढका जाएगा।
- शिवलिंग को नमी से बचाने के लिए ड्रायर पंखे लगाए जाएंगे।
- मंदिर में सीवर ट्रीटमेंट प्लांट लगेगा। प्लांट बनने में एक साल लगेगा।