Tuesday, October 24, 2017

दादूपुर-नलवी नहर पर विधानसभा में हंगामा, 15 कांग्रेसी विधायक निष्कासित

साभार: भास्कर समाचार
शीतकालीन सत्र के पहले ही दिन विधानसभा में दादूपुर-नलवी नहर प्रोजेक्ट को लेकर जबरदस्त हंगामा हुआ। इस मुद्दे को लेकर विपक्षी पार्टियों इनेलो-कांग्रेस ने काम रोको प्रस्ताव पेश किए। इसे स्पीकर कंवरपाल गुर्जर ने
मंजूर कर लिया। लेकिन कांग्रेसी विधायक इस बात पर अड़ गए कि विधानसभा का सारा काम तुरंत रोककर पहले इस मुद्दे पर चर्चा कराई जाए। स्पीकर ने कहा कि प्रस्ताव मंजूर हो गया है, लेकिन चर्चा कल कराई जाएगी। तब भी कांग्रेस विधायक नहीं माने और सत्ता पक्ष के खिलाफ नारेबाजी करने लगे। सत्ता पक्ष के विधायकों ने भी कांग्रेसियों के खिलाफ नारेबाजी की। काफी रोकने पर भी कांग्रेसी नहीं माने तो स्पीकर ने कांग्रेस विधायक दल की नेता किरण चौधरी समेत पार्टी के 15 विधायकों को नेम कर एक दिन के लिए सदन से बाहर निकाल दिया। पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा को इसलिए नेम नहीं किया जा सका, क्योंकि वह सदन से पहले ही जा चुके थे। वहीं, कुलदीप बिश्नोई सदन में आए ही नहीं थे। 
मंगलवार को इस मुद्दे पर सदन में चर्चा के साथ ही सरकार की ओर से जवाब भी दिया जाएगा। इस दौरान सरकार नहर को लेकर विस्तृत रिपोर्ट भी सदन में पेश कर सकती है। उधर, सरकार ने भी विपक्ष को घेरने के लिए नई रणनीति बनाई है। सीएम मनोहर लाल ने मीडिया से बातचीत में ऐलान किया कि दादूपुर-नलवी नहर प्रोजेक्ट में अधिग्रहित अपनी जमीन अगर किसान वापस लेते हैं तो उनसे अवॉर्ड राशि पर 15% ब्याज नहीं लिया जाएगा। किसान सिर्फ अवॉर्ड राशि लौटाकर जमीन वापस ले सकते हैं। साथ ही उन्होंने कहा कि दादूपुर-नलवी नहर की खुदाई से निकली मिट्टी चोरी की जांच कराई जाएगी। पहले अधिकारियों की एक उच्च स्तरीय कमेटी मामले के तथ्यों को पता लगाएगी। उसके बाद इसकी जांच स्टेट विजिलेंस ब्यूरो को भी सौंपी जा सकती है। संदेह जताया जा रहा है कि तत्कालीन कांग्रेस सरकार में हुई नहर खुदाई के दौरान निकली मिट्टी को कुछ रसूखदार लोगों ने अवैध रूप से बेच दिया था। 
ये है मामला: सरकार ने हाल में दादूपुर-नलवी नहर प्रोजेक्ट को डी-नोटिफाई किया है। जमीन वापस लेने के लिए किसानों को 15% ब्याज समेत अवाॅर्ड राशि लौटाने का फैसला किया था। विपक्ष इसका विरोध कर रहा है। वहीं, सीएम ने कहा कि अध्ययन के बाद पुष्टि हुई कि यह नहर किसानों के हित में नहीं, बल्कि उनके लिए नुकसानदायक साबित हो रही थी। इसलिए इसे डी-नोटिफाइड किया गया। इस मुद्दे पर विपक्ष केवल राजनीति कर रहा है। 
नहर से लगते यमुनानगर, अम्बाला और कुरुक्षेत्र जिले के कुछ किसान सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता राज्य मंत्री कृष्ण कुमार बेदी और श्रम एवं रोजगार राज्यमंत्री नायब सिंह सैनी के साथ सीएम का अभिनंदन करने चंडीगढ़ पहुंचे। किसानों ने दादूपुर-नलवी नहर प्रोजेक्ट को डी-नोटिफाइड करने के लिए सीएम का आभार जताया। कहा कि सरकार का फैसला उनके हित में है। सीएम ने शाहबाद में जाट भवन के लिए जमीन मुहैया कराने की भी घोषणा की। 
किसानों से मुलाकात के बाद मीडिया से बातचीत में सीएम ने बताया कि दादूपुर-नलवी नहर के अलावा पंचकूला के कौशल्या डैम, सिरसा में ओटू झील, हांसी-बुटाना नहर खुदाई की मिट्टी चोरी की जांच कराई जाएगी। सीएम के मुताबिक एक किसान ने जानकारी दी है कि दादुपुर-नलवी नहर खुदाई के दौरान रोहतक के ठेकेदार बलवान एंड कंपनी ने उनके खेत से मिट्टी उठाई थी। इसकी भी जांच कराई जाएगी और आरोपियों को बख्शा नहीं जाएगा।