साभार: जागरण समाचार
बाल यौन शोषण, बाल हिंसा और तस्करी की घटनाओं पर अंकुश लगाने के प्रयासों, मुक्त कराए बच्चों के दर्द और नोबेल विजेता कैलाश सत्यार्थी की भारत यात्र को परदे पर भी दिखाए जाने की है। यात्र के साथ-साथ चल
रहे अमेरिका के पेट्रा व लेन मोरिस डॉक्यूमेंट्री फिल्म बना रहे हैं। इसे कई देशों में रिलीज किया जाएगा। फिल्म के केंद्र में बचपन-बचाओ आंदोलन के प्रमुख व नोबेल शांति पुरस्कार विजेता कैलाश सत्यार्थी और उनकी पत्नी सुमेधा होंगे।
भारत यात्र में शामिल लेन मोरिस व पेट्रा ने फिल्म को लेकर दैनिक जागरण से विशेष बातचीत की। लेन इस फिल्म के डायरेक्टर हैं, जबकि पेट्रा बतौर प्रोड्यूसर काम कर रही हैं। लेन ने बताया कि वह करीब 28 साल से कैलाश सत्यार्थी को जानते हैं और इससे पूर्व भी अपने मित्र रॉबिन के साथ भारत में डॉक्यूमेंट्री फिल्म की शूटिंग कर चुके हैं। हाल ही में उन्होंने तीन सप्ताह कैलाश सत्यार्थी के जयपुर के निकट विराटनगर स्थित बाल आश्रम में शूटिंग पूरी की है और अब वे भारत यात्र को शूट कर रहे हैं। लेन बताते हैं कि बाल आश्रम में रहने वाले 68 बच्चों में से हर एक की अपनी ही अलग कहानी है। इन बच्चों के अलावा मैक्सिको, केन्या और यूएस में भी बाल मजदूरी का दंश ङोल चुके बच्चों को फिल्म का हिस्सा बनाया जाएगा। पेट्रा ने बताया कि फिल्म से जो भी कमाई होगी उसे बाल कल्याण पर खर्च किया जाएगा।