साभार: भास्कर समाचार
जापान में पीएम शिंजो आबे ने 48वें चुनाव में जीत की हैट्रिक लगा दी है। साेमवार को आए रिजल्ट में उनके लिबरल डेमोक्रेटिक पार्टी (एलडीपी) नीत गठबंधन ने 313 सीटें जीत ली हैं। उनकी जीत से सेना के विदेेशी जमीं
पर लड़ने का रास्ता खुल सकता है। इस चुनाव में चुनौती बनकर उभरी टोक्यो की गवर्नर यूरिको कोइके की पार्टी तीसरे नंबर पर रही। आबे ने सितंबर में संसद भंग कर समय से पहले चुनाव कराने का ऐलान किया था। वे 2012 2014 में भी चुनाव जीत चुके हैं।
आबे ने जापानी संसद (डायट) के निचले सदन हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव में भारी बहुमत पा लिया है। जापान के सामने उत्तर कोरिया, बूढ़ी होती आबादी, विकसित देशों के मुकाबले सबसे धीमी विकास दर, अंतर्राष्ट्रीय कर्ज और प्रशांत क्षेत्र में चीन जैसी चुनौतियां हैं। आबे को जनादेश मिलने से लगता है कि वे जापान में पोस्ट-वार पेसिफिस्ट संविधान में संशोधन करने का मार्ग प्रशस्त करेंगे।
आबे संवैधानिक शांतिवाद की छह दशक पुराने संविधान में संशोधन करना चाहते हैं, इसलिए उन्होंने लगातार जापान का रक्षा बजट बढ़ाया है। 1947 में अमेरिका के दबाव में जापान ने शांति संबंधी कानून बनाया था कि जिसके अनुच्छेद 9 में युद्ध का पूर्णत: त्याग का प्रावधान है। अब चीन साउथ चाइना सी में अपनी गतिविधियां बढ़ा रहा है। ऐसे अब जापान के लिए अपने सैन्य दृष्टिकोण में बदलाव करना जरूरी हो गया है। जापान की भारत के साथ साझेदारी इस दिशा में काफी मददगार साबित हो सकती है। ट्रांस-पेसिफिक पार्टनरशिप ट्रेड एग्रीमेंट इस दिशा में काफी मददगार साबित हो सकता है। लेकिन अमेरिका इससे पीछे हट रहा है, इसलिए उस पुनः भारत की ओर देखने की जरूरत होगी।
पीएम नरेंद्र मोदी ने आबे को ट्वीट कर जीत की बधाई दी। मोदी ने लिखा, मेरे प्रिय मित्र आबे शिंजो को चुनाव में अभूतपूर्व जीत के लिए हार्दिक बधाई। मैं उनके साथ मिलकर भारत-जापान संबंधों को और मजबूत बनाने को उत्सुक हूं।
आबे संवैधानिक शांतिवाद की छह दशक पुराने संविधान में संशोधन करना चाहते हैं, इसलिए उन्होंने लगातार जापान का रक्षा बजट बढ़ाया है। 1947 में अमेरिका के दबाव में जापान ने शांति संबंधी कानून बनाया था कि जिसके अनुच्छेद 9 में युद्ध का पूर्णत: त्याग का प्रावधान है। अब चीन साउथ चाइना सी में अपनी गतिविधियां बढ़ा रहा है। ऐसे अब जापान के लिए अपने सैन्य दृष्टिकोण में बदलाव करना जरूरी हो गया है। जापान की भारत के साथ साझेदारी इस दिशा में काफी मददगार साबित हो सकती है। ट्रांस-पेसिफिक पार्टनरशिप ट्रेड एग्रीमेंट इस दिशा में काफी मददगार साबित हो सकता है। लेकिन अमेरिका इससे पीछे हट रहा है, इसलिए उस पुनः भारत की ओर देखने की जरूरत होगी।
पीएम नरेंद्र मोदी ने आबे को ट्वीट कर जीत की बधाई दी। मोदी ने लिखा, मेरे प्रिय मित्र आबे शिंजो को चुनाव में अभूतपूर्व जीत के लिए हार्दिक बधाई। मैं उनके साथ मिलकर भारत-जापान संबंधों को और मजबूत बनाने को उत्सुक हूं।
जापान के विपक्ष में अब दोनों नई पार्टियां: चुनाव में पहली बार शामिल हुई कांस्टीट्यूशनल डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ जापान (सीडीपी) 55 सीटें जीतकर दूसरी बड़ी पार्टी बन गई है। वहीं टोक्यो की गवर्नर यूरिको कोइके की नवोदित पार्टी ऑफ होप को 50 सीटें मिली हैं।
उत्तर कोरिया पर दबाव: आबे कैबिनेट के प्रवक्ता ने कहा है कि आबे और अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनाल्ड ट्रम्प ने प्रधानमंत्री आबे से फोन पर बात की है। दोनों नेता उत्तर कोरिया पर दबाव बढ़ाने पर सहमत हुए।
पार्टी पर भी पकड़ होगी मजबूत: इस जीत से शिंजो आबे की उनकी पार्टी पर पकड़ मजबूत होगी। अगले साल सितंबर में वे 3 साल के लिए पार्टी नेता चुने जा सकते हैं। इस तरह वे 2021 तक पीएम पद पर रह सकेंगे।
चुनाव परिणाम:
- कुल सीटें - 465
- ]एलडीपी-कोमीटो गठबंधन 313
- पार्टीऑफ होप 50
- सीडीपी 55