साभार: जागरण समाचार
पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट की सख्ती के बाद अब प्रदेश सरकार औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों (आइटीआइ) के लेक्चरर को द्वितीय श्रेणी के राजपत्रित अधिकारी का दर्जा देने को तैयार हो गई है। शिक्षा विभाग ने इस
संबंध में जिला शिक्षा अधिकारियों को तुरंत रिपोर्ट करने को कहा है। इसके बाद 10 नवंबर को हाई कोर्ट में स्टेटस रिपोर्ट सौंपी जाएगी।
सरकारी सीनियर सेकेंडरी स्कूलों में तैनात सभी लेक्चर्स को द्वितीय श्रेणी के राजपत्रित अधिकारी का दर्जा मिला हुआ है। राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों के लेक्चर्स पिछले सात साल से समान दर्जे और समान वेतन-भत्तों के लिए अदालती लड़ाई लड़ रहे थे। पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट ने याची सतपाल सिंह, राजवंती देवी, ब्रह्म प्रकाश, बलविंदर सिंह, रघुवीर सिंह व अन्य की याचिक पर 26 अगस्त 2015 को फैसला सुना दिया था। इसके तहत आइटीआइ में कार्यरत वोकेशनल लेक्चरर को स्कूल कैडर के समान संशोधित वेतन-भत्ते और राजपत्रित अधिकारी का दर्जा दिए जाने के आदेश दिए थे। इसके बाद सरकार ने वोकेशनल लेक्चर्स के वेतन-भत्तों में तो संशोधन कर दिया, लेकिन राजपत्रित अधिकारी का दर्जा देने का मामला लटका हुआ था।
गत 26 सितंबर को हाईकोर्ट ने सुनवाई के दौरान शिक्षा विभाग की ढिलाई पर नाराजगी जताते हुए सख्त निर्देश दिया था कि 10 नवंबर तक मामले में स्टेटस रिपोर्ट पेश की जाए। इसके बाद शिक्षा विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव केके खंडेलवाल ने सभी वोकेशनल लेक्चर्स को द्वितीय श्रेणी के राजपत्रित अधिकारी का दर्जा देने के लिए पत्र जारी कर दिया। जिला शिक्षा अधिकारियों से चार सप्ताह में स्टेटस रिपोर्ट भी मांगी गई है।