साभार: जागरण समाचार
- जम्मू कश्मीर के पुलवामा में हुई मुठभेड़
- लश्कर कमांडर स्थानीय युवकों की संगठन में करता था भर्तियां
सुरक्षाबलों ने आतंकरोधी अभियान जारी रखते हुए शनिवार को पुलवामा (जम्मू कश्मीर) के लित्तर क्षेत्र में
लश्कर-ए-तैयबा के जिला कमांडर वसीम अहमद शाह उर्फ अबु ओसामा को उसके साथी हाफिज निसार के साथ मार गिराया। 10 लाख रुपये के इनामी वसीम ने गत वर्ष आतंकी बुरहान वानी के मारे जाने के बाद पुलवामा और शोपियां में हिंसक प्रदर्शनों में अहम भूमिका निभाई थी।
पुलिस महानिरीक्षक (आइजी), कश्मीर मुनीर अहमद खान ने बताया कि वसीम स्थानीय युवकों की भर्ती में जुटा हुआ था। वसीम का साथी निसार मई में लश्कर में शामिल हुआ था। उस पर तीन लाख रुपये का इनाम था। कश्मीर में सक्रिय 12 मोस्ट वांटेड आतंकियों की सूची में वह भी था। अभी तक इस सूची में वसीम समेत पांच आतंकी मारे गए हैं। 2014 से सक्रिय लश्कर कमांडर वसीम शोपियां जिले के हफ गांव का निवासी था। उसे हफ का डॉन भी कहा जाता था। सुरक्षाबल करीब एक माह से उसके ठिकानों की निशानदेही करते हुए छापेमारी कर रहे थे। शुक्रवार रात पता चला कि वह लित्तर में एक मकान छिपा है।
उसी समय सेना की आरआर (राष्ट्रीय राइफल्स), सीआरपीएफ और राज्य पुलिस के विशेष अभियान दल ने मौके पर पहुंच कर घेराबंदी कर ली। आइजी मुनीर अहमद खान ने बताया कि सुबह सूरज की पहली किरण के साथ अभियान शुरूहुआ। आतंकियों ने घेराबंदी तोड़ भागने के लिए गोलियां चलाईं। जवानों की जवाबी कार्रवाई पर उन्हें अपने ठिकाने में भागना पड़ा। जिस मकान में आतंकी छिपे थे, वहां रहने वाले सभी लोगों को सुरक्षाबलों ने आतंकियों के बीच बाहर निकाला।
चार साल बाद हुई मुठभेड़: लित्तर में चार वर्षो बाद पहली बार सुरक्षाबलों और आतंकियों के बीच मुठभेड़ हुई है। लित्तर को सुरक्षाबल आतंकियों से मुक्त मानते थे। इसका फायदा उठाकर ही आतंकियों ने वहां ठिकाना बना लिया था।
आतंकी बनने से पहले ओजीडब्ल्यू था वसीम: वसीम ने कॉलेज की पढ़ाई बीच में छोड़ दी थी। वह स्कूल के दिनों से ही पत्थरबाजी में लिप्त रहा था। सक्रिय आतंकी बनने से पहले वह लश्कर के लिए बतौर ओवरग्राउंड वर्कर (ओजीडब्ल्यू) काम करता रहा था। उसके पिता गुल मुहम्मद शाह फल व्यापारी हैं।