साभार: जागरण समाचार
बुवाई शुरू होने से पहले ही सरकार गेहूं समेत रबी सीजन की सभी फसलों के समर्थन मूल्य का एलान कर सकती है। रबी सीजन की मुख्य फसल गेहूं के न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) में 120 रुपये प्रति क्विंटल
की वृद्धि करने का प्रस्ताव है। इसी तरह दलहन की खेती को प्रोत्साहित करने के लिहाज से सरकार दालों का समर्थन मूल्य 200 रुपये प्रति क्विंटल तक बढ़ा सकती है। इस आशय का कैबिनेट नोट कृषि मंत्रलय की ओर से तैयार कर लिया गया है।
केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में सरकार देश के किसानों को एमएसपी में वृद्धि का तोहफा देने का एलान कर सकती है। सूत्रों के मुताबिक कृषि लागत व मूल्य आयोग (सीएसीपी) की सिफारिशों को कृषि मंत्रलय ने जस का तस स्वीकार करते हुए मसौदा तैयार किया है। कैबिनेट नोट का प्रस्ताव कैबिनेट सचिवालय के पास भेज दिया गया है।
सूत्रों के मुताबिक गेहूं के एमएसपी में 120 रुपये प्रति क्विंटल की बढ़ोतरी का प्रस्ताव है जो पिछले साल के मुकाबले छह फीसद अधिक होगा। जबकि दलहन फसलों को लेकर सरकार ने किसानों का पूरा ध्यान रखा है। कैबिनेट के मसौदे में दलहन के मूल्य में 200 से अधिक की वृद्धि हो सकती है। तथ्य यह है कि पिछले साल के रबी सीजन में गेहूं का एमएसपी 1625 रुपये प्रति क्विंटल था जिसमें 120 रुपये की वृद्धि हो सकती है। इस तरह चालू सीजन में गेहूं का एमएसपी 1745 प्रति क्ंिवटल होगी।
दलहन की फसल में पिछले साल 450 रुपये से लेकर 550 रुपये तक की वृद्धि की गई थी। नतीजा यह रहा कि दलहन फसलों की पैदावार ने नई ऊंचाइयों को छू लिया। हालांकि इससे किसानों को अपेक्षित कीमतें नहीं मिल पाई। लेकिन देश में चना की कीमतें अरहर जैसी दाल के बराबर बोली जाने लगी है। पिछले सीजन में चना व मसूर का एमएसपी चार हजार रुपये प्रति क्ंिवटल था। इसे देखते हुए चना व मसूर की एमएसपी 200 रुपये तक बढ़ाई जा सकती है।