साभार: जागरण समाचार
सीबीआइ कोर्ट पंचकूला में पेशी से पहले डेरा प्रमुख गुरमीत राम रहीम ने हनीप्रीत को कई बड़े नेताओं, अफसरों और लोगों के नंबर उसकी सीक्रेट डायरी में नोट कराए थे। हनीप्रीत की इस डायरी में गुरमीत राम रहीम के भी
कई राज छिपे हैं। हनीप्रीत ने विदेश में बैठे डेरा सच्चा सौदा के कट्टर अनुयायियों के फोन नंबर सहित तमाम जानकारी इस डायरी में दर्ज कर रखी है, ताकि जरूरत पड़ने पर उनका इस्तेमाल किया जाता।
फैसले के बाद पंचकूला हिंसा के लिए जिस पैसे का लेनदेन हुआ, वह डेरा सच्चा सौदा का ब्लैक मनी था। हिंसा के लिए करीब सवा करोड़ रुपये के लेनदेन का आरोप है, जिसे हनीप्रीत के कहने पर पंचकूला भेजा गया था। हनीप्रीत ने पुलिस रिमांड के दौरान इस डायरी के बारे में कई जानकारियां दी हैं, मगर पुलिस उससे यह पता नहीं लगवा सकी कि डायरी कहां छिपाई गई है।
हनीप्रीत की डायरी में ब्लैक मनी को व्हाइट करने में मददगार लोगों के नाम और दस्तावेजों की जानकारी भी दर्ज है। पैसे का इस्तेमाल कैसे और कहां किया गया, इसकी जानकारी भी इसी में है। बाबा ने कई बड़े वकीलों के नंबर भी हनीप्रीत को नोट करवा दिए थे। बाबा को भरोसा था कि वह बच जाएगा, लेकिन अगर कुछ गड़बड़ हो भी गई तो पीछे से हनीप्रीत सब कुछ संभाल लेगी। विपरीत स्थिति में डेरामुखी कहां-कहां छिप सकते हैं, इसके संकेत भी डायरी में दिए गए हैं। बाबा को यह कतई अंदेशा नहीं था कि हनीप्रीत भी देर सबेर पुलिस के शिकंजे में फंस सकती है। पुलिस सूत्रों के अनुसार पंचकूला हिंसा करने वाले मुख्य लोगों के नाम भी इसी डायरी में दर्ज हैं।
राम रहीम का था विदेश में भगाने का प्लान: 25 अगस्त को राम रहीम को पुलिस से छुड़वाने के लिए बड़ा प्लान तैयार हुआ था। प्लान के मुताबिक बाबा को छुड़वाकर विदेश भेजने की तैयारी थी। हनीप्रीत ने हरियाणा पुलिस की जांच के दौरान यह खुलासा किया है। राम रहीम को उम्मीद थी कि सुरक्षाकर्मी उसे पुलिस की गिरफ्त से छुड़वा लेंगे। फिर उसे सिरसा डेरा मुख्यालय या किसी सुरक्षित स्थान पर पहुंचा दिया जाएगा। वहां से हनीप्रीत ने उसे विदेश भगाने का पूरा बंदोबस्त किया हुआ था। हनीप्रीत विदेश में बैठे बाबा के करीबियों के संपर्क में थी। हनीप्रीत पर तीन विदेशी सिम कार्ड भी इस्तेमाल करने के आरोप हैं।