Sunday, December 17, 2017

देश की सबसे पुरानी पार्टी के सबसे मुश्किल दौर में राहुल ने संभाली कांग्रेस की कमान

साभार: जागरण समाचार 
राहुल गांधी के कांग्रेस अध्यक्ष पद संभालने के साथ ही पार्टी के राजनीतिक सफर का नया अध्याय शुरू हो गया है। राहुल ने सबसे पुरानी पार्टी के सबसे मुश्किल दौर में अपनी मां सोनिया गांधी से शनिवार को अध्यक्ष का
चार्ज लिया। इस मौके पर देशभर से जुटे कार्यकर्ता और दिग्गज नेता पार्टी मुख्यालय में मौजूद थे। 
अध्यक्ष बनने के बाद अपने पहले संबोधन में राहुल ने अपने भावी इरादों का संकेत दिया। वहीं भाजपा की राजनीतिक शैली पर बेहद आक्रामक प्रहार किया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर करारा वार करते हुए कहा कि आज विरोधियों को कुचला जा रहा है। अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता दबाई जा रही है। यहां तक तय किया जा रहा है कि लोग क्या खाएंगे और क्या नहीं खाएंगे। एक व्यक्ति की छवि बड़ी कर उसका गौरवगान करने के लिए सारी संस्थाओं को दरकिनार किया जा रहा है। 
राहुल ने भाजपा की राजनीति को नफरत की सियासत बताने से परहेज नहीं किया। उन्होंने कहा कि भाजपा के लोग आज पूरे देश में ¨हसा फैलाने की कोशिश कर रहे हैं। इसे केवल कांग्रेस ही रोक सकती है, क्योंकि भाजपा लोगों को तोड़ती है और हम जोड़ते हैं।
राहुल ने कहा कि कांग्रेस देश को 21वीं सदी में ले जाना चाहती है जबकि प्रधानमंत्री हमें मध्ययुगीन दौर में पीछे ले जा रहे। इसमें लोगों को इसीलिए मार दिया जा रहा कि उनकी आस्थाएं क्या है और वे क्या खाते हैं। हमें अब यह कल्पना करने को बाध्य किया जा रहा है कि बिना सद्भाव के कारोबार और प्रगति हो सकती है और केवल एक व्यक्ति ही सब कुछ बदल सकता है। राहुल ने कहा कि देश की सबसे पुरानी पार्टी को ग्रांड ओल्ड एंड यंग पार्टी बनाने में वे सबको साथ लेकर चलेंगे।
प्यार की राजनीति करेंगे: मोदी के कांग्रेस मुक्त भारत के खिलाफ बिना डरे लड़ने की ताल ठोकते हुए राहुल ने कहा कि भाजपा घृणा और मिटाने की राजनीति कर रही है। हम प्यार की राजनीति करेंगे। उन्होंने कहा कि बेशक भाजपा की विचाराधारा से वे सहमत नहीं हैं। मगर उनका मानना है कि भाजपा के लोग भी उनके बहन-भाई हैं। इसीलिए वे चाहे कांग्रेस को मिटाने की नफरत भरी बातें कहें, हम घृणा का मुकाबला घृणा से नहीं करेंगे।
जोश और जश्न का नजारा: कांग्रेस मुख्यालय के अंदर जोश तो बाहर जश्न का नजारा था। जबरदस्त आतिशबाजी हो रही थी। सोनिया गांधी और पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की मौजूदगी में सबसे पहले पार्टी संगठन चुनाव के अधिकारी मुल्लापल्ली रामचंद्रन ने राहुल को कांग्रेस अध्यक्ष निर्वाचित होने का सर्टिफिकेट दिया।
बुजुर्गो को साथ लेकर चलेंगे: पार्टी के बुजुर्ग नेताओं को भी साथ लेकर चलने का राहुल ने भरोसा दिया। वहीं संगठन में कार्यकर्ताओं को सबसे ज्यादा तवज्जो देने का आश्वासन देते हुए कहा कि अब उनकी आवाज पूरे देश में सुनाई देगी। राहुल ने अपनी मां सोनिया से जब कांग्रेस की कमान थामी तो वे नेहरू-गांधी परिवार के इस पद पर पहुंचने वाले छठे व्यक्ति बन गए। मोतीलाल नेहरू, जवाहरलाल नेहरू, इंदिरा गांधी, राजीव गांधी और सोनिया गांधी पार्टी के अध्यक्ष रह चुके हैं।
सोनिया का भाजपा पर निशाना: सोनिया गांधी ने अंतिम अध्यक्षीय भाषण में भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा कि हमारे संवैधानिक मूल्यों पर हमला किया जा रहा है। मगर अपनी सबसे कठिन राजनीतिक चुनौती के इस दौर में भी कांग्रेस न डरेगी और न ही मुकाबला करने से पीछे हटेगी।