Wednesday, November 1, 2017

अनुकरणीय: जापान की एक कंपनी का अनूठा नियम - स्मोकिंग करने वाले कर्मचारी को साल में 6 दिन की अतिरिक्त छुट्टी

साभार: भास्कर समाचार
स्मोकिंग कल्चर कम करने के लिए जापान की एक कंपनी ने अनूठा नियम बनाया है। स्मोकिंग करने वाले ऑफिस के सभी कर्मचारियों को साल में छह दिन की अतिरिक्त छुट्टी मिलेगी। मार्केटिंग फर्म पियाला ने ये
नियम बनाया है और इस साल की आखिरी तिमाही से इसे लागू भी कर दिया है। कंपनी के कर्मचारियों ने स्मोकिंग कल्चर के खिलाफ मैनेजमेंट से शिकायत की थी। 
कर्मचारियों का कहना था, 'स्मोकिंग करने वाले कर्मचारी दिन में कई बार स्मोकिंग ब्रेक लेते हैं। हमारा ऑफिस बिल्डिंग के 29वें फ्लोर पर है। कर्मचारी वहां से बेसमेंट में बने स्मोकिंग जोन तक जाते हैं और सिगरेट पीकर वापस आते हैं। एक स्मोकिंग ब्रेक कम से कम 15 मिनट का हो जाता है। दिन में ऐसे कम से कम 5 ब्रेक हो जाते हैं। इस हिसाब से देखें तो जो लोग स्मोकिंग नहीं करते, वो स्मोकर्स से ज्यादा देर तक काम करते हैं।' कंपनी मैनेजमेंट को कर्मचारियों की बात सही लगी। इसीलिए नॉन-स्मोकर्स को प्रोत्साहन के तौर पर साल में 6 दिन की अतिरिक्त छुट्टी का फैसला किया गया। इस फैसले को कंपनी ने एंटी-स्मोकिंग को बढ़ावा देने के लिए भी अहम माना, क्योंकि नया नियम आते ही ऑफिस के 4 कर्मचारियों ने स्मोकिंग छोड़ने का फैसला कर लिया। वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइजेशन की रिपोर्ट के मुताबिक, जापान में कुल 21.7% लोग स्मोकिंग करते हैं। हर साल यहां 70 हजार लोग फेफड़ों के कैंसर से मरते हैं। 15 हजार पैसिव स्मोकिंग से जुड़ी बीमारियों की वजह से मारे जाते हैं। राजधानी टोक्यो में सालाना 45 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा का सिगरेट व्यापार होता है। इसको देखते हुए ही टोक्यो के गवर्नर यूरिको कोइको शहर को 2020 ओलिंपिक तक पब्लिक प्लेस और इनडोर स्थानोें पर स्मोकिंग-फ्री बनाने का ऐलान कर चुके हैं। 

स्मोकर्स को सजा देकर या जुर्माना लगाकर नहीं रोक सकते, इसके बदले नॉन-स्मोकर्स को प्रोत्साहित करें: पियाला के प्रवक्ता हिरोताका मातसुशिमा ने बताया कि 'ऑफिस में 120 नॉन-स्मोकर्स हैं। नए नियम की जानकारी मिलते ही इनमें से 30 लोगों ने छुट्टी के लिए अप्लाई भी कर दिया। दरअसल हमारे नॉन-स्मोकिंग स्टाफ में से किसी ने ऑफिस की सुझाव पेटी में पत्र डाला था। इसी में शिकायत दर्ज थी। हमारा मानना है कि स्मोकर्स को सजा देकर या जुर्माना लगाकर उन्हें नहीं रोक सकते। जरूरी है कि नॉन-स्मोकर्स को प्रोत्साहन दिया जाए। इससे जागरुकता आ सकती है।