Sunday, December 17, 2017

उकलाना का 'दरिंदा' निकला नाबालिग: मामला जेजे बोर्ड को ट्रांसफर

साभार: जागरण समाचार 
छह साल की मासूम बच्ची के साथ दरिंदगी करने वाला बालिग नहीं, बल्कि नाबालिग युवक है। पांचवीं कक्षा के प्रमाण-पत्र और आधार कार्ड के आधार पर उसकी उम्र 18 साल से कम है। इसका खुलासा शनिवार को उस समय
हुआ जब हिसार पुलिस आरोपी को रिमांड खत्म होने पर जस्टिस जुवेनाइल बोर्ड (जेजे बोर्ड) के समक्ष पेश करने पहुंची। तब यह बात सामने आई कि पुलिस ने जल्दबाजी में आकर तफ्तीश के दौरान आरोपी की सही उम्र तस्दीक किए बगैर ही दस्तावेजों में 19 साल दर्ज कर बालिग करार दिया था।  
रिमांड के दौरान जांच टीम को अपनी गलती का अहसास हुआ तो आरोपी के परिजनों से उसके उम्र संबंधी प्रमाण-पत्र पेश करने के लिए कहा गया। आरोपी के भाई ने पांचवीं कक्षा का प्रमाण-पत्र दिया, जिसमें उसकी उम्र 15 फरवरी 2000 है, जबकि आधार कार्ड में 1 जनवरी 2000 है। पहले प्रमाण को मानते हुए आरोपी को रिमांड खत्म होने पर जेजे बोर्ड के समक्ष पेश करके 30 दिसंबर तक बाल सुधार गृह में भेज दिया गया है। ऐसे में हिसार पुलिस की उकलाना गुड़िया मामले में की गई विशेष पड़ताल पर सवालिया निशान लग गया है। इसके चलते हर कोई सीबीआइ जांच की मांग करने लगा है, चाहे गुड़िया संघर्ष समिति हो या फिर मृतका का परिवार या आरोपी के परिजन। सभी को लगता है कि पुलिस कहीं प्रद्युमन हत्याकांड में गुरुग्राम पुलिस की तरह गलती तो नहीं दोहराने जा रही है।
पैंट बरामद, टी-शर्ट गायब: एक दिन के रिमांड के दौरान पुलिस ने आरोपी से पुन: गहनता से पूछताछ की। उसने गुड़िया के साथ दरिंदगी की बात को कबूल कर लिया। पुलिस आरोपी को लेकर उसके घर गई, जहां से कपड़े बरामद करने थे। उसकी निशानदेही पर पुलिस के हाथ सिर्फ पैंट लगी, लेकिन वारदात की रात पहनी टी-शर्ट नहीं मिली। उससे सख्ती से पूछा तो बताया कि नशे में धुत था। कहां उतारकर फेंक दी पता नहीं। ऐसे में पुलिस सिर्फ पैंट लेकर लौट आई।
  • आरोपी और उसका परिवार कम-पढ़ा लिखा है। शुरू में जो बताया, उसके अनुसार 19 साल उम्र लिखी थी। रिमांड के दौरान आरोपी के परिवार से उम्र संबंधी प्रमाण दिखाने के लिए कहा था। उन्होंने स्कूल का सर्टिफिकेट पेश कर दिया था। जिसके अनुसार आरोपी की उम्र 18 साल से कम है। इसलिए उसे जेजे बोर्ड के समक्ष पेश करके बाल सुधार गृह भिजवा दिया है। आरोपी की पैंट बरामद हो गई थी लेकिन टी-शर्ट नहीं मिली। वह बता नहीं पाया कि नशे में कहां फेंकी थी। - जयपाल सिंह, डीएसपी एवं एसआइटी इंचार्ज।