Friday, November 3, 2017

सही है भारत की करेंसी नीति, अमेरिकी आरोप गलत, विदेशी मुद्रा के लिए बार-बार IMF के पास नहीं जा सकते - राजन

साभार: भास्कर समाचार
रिजर्व बैंक के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन ने रुपए की वैलुएशन पर भारत की नीतियों का बचाव किया है। उन्होंने अमेरिकी वित्त मंत्रालय के इस आरोप को गलत बताया कि भारत अपनी करेंसी को बहुत ज्यादा नियंत्रित
रखता है। उन्होंने कहा, भारत के लिए विदेशी मुद्रा भंडार बनाना जरूरी है। बड़ा देश होने के कारण यह बार-बार आईएमएफ के पास नहीं जा सकता। ऐसा करना राजनीतिक रूप से भी मुश्किल है। गौरतलब है कि भारत का विदेशी मुद्रा भंडार करीब 400 अरब डॉलर का हो गया है। सितंबर 2016 में बतौर गवर्नर जब राजन का कार्यकाल पूरा हुआ तब यह 366.7 अरब डॉलर था। राजन अभी शिकागो यूनिवर्सिटी के बूथ स्कूल ऑफ बिजनेस में प्रोफेसर हैं। उन्होंने यह बात एक इंटरव्यू में कही। अमेरिकी वित्त मंत्रालय ने कहा था कि वह भारत के फॉरेक्स रिजर्व और आर्थिक नीतियों पर नजर रखेगा। इसके जवाब में राजन ने कहा कि हमें अपना रिजर्व बरकरार रखना पड़ेगा। यह एक तरह का टूल भी है। कोई देश जानबूझ कर अपनी मुद्रा को डॉलर के मुकाबले कम रखता है तो वह गलत है। लेकिन भारत पर कोई यह आरोप नहीं लगा सकता। बल्कि इस धारणा के उलट कुछ लोग तो रुपए की विनिमय दर को ज्यादा मानते हैं। राजन ने कहा, 'डॉलर या दूसरी विदेशी मुद्राएं जब बाहर जाती हैं, तब यही भंडार देश की इकोनॉमी को बचाता है। इसके अलावा भारत का करंट अकाउंट घाटे में रहता है।