Thursday, November 9, 2017

प्रद्युम्न मर्डर केस: गुड़गांव पुलिस की जांच कटघरे में, CBI ने जिस CCTV फुटेज से 11वीं के छात्र को पकड़ा, उसे पुलिस ने भी देखा

साभार: भास्कर समाचार
प्रद्युम्न मर्डर केस में सीबीआई जांच में नया मोड़ आने के बाद गुड़गांव पुलिस कटघरे में है। गुड़गांव पुलिस की जांच में बच्चे के मर्डर का आरोपी स्कूल बस का कंडक्टर अशोक है जबकि सीबीआई जांच में हत्या करने का
आरोपी 11वीं कक्षा का छात्र है। ऐसे में पुलिस की जांच पर सवाल उठ रहे हैं। लोगों का कहना है कि पुलिस ने हड़बड़ी में दबाव में आकर अशोक को फंसाया। बड़ी बात यह है कि सीबीआई ने जिस सीसीटीवी फुटेज को देखकर 11वीं के छात्र को पकड़ा है, गुड़गांव पुलिस भी उसे कई बार देख चुकी थी। लेकिन पुलिस की नजर इस लड़के पर नहीं गई। अब डीजीपी बीएस संधू और गुड़गांव पुलिस आयुक्त संदीप खिरवार का कहना है कि हमारी जांच पीछे नहीं थी। हम सीसीटीवी आदि के आधार पर सभी बातों को ध्यान में रखकर जांच कर रहे थे। कई बातों में हमारी जांच शुरूआती दौर में थीं, इसी बीच मामला सीबीआई को सौंप दिया गया। पुलिस ने चार्जशीट फाइनल नहीं की थी। 
आठ सितंबर को भोंडसी स्थित रेयान इंटरनेशनल स्कूल के छात्र प्रद्युम्न ठाकुर की सुबह के वक्त टायलेट में चाकू से गला रेत कर हत्या कर दी गई थी। हाईप्रोफाइल स्कूल में इस तरह की वारदात होने से मामला तूल पकड़ गया, देखते देश भर में छा गया। आनन फानन पुलिस की टीमों ने देर रात तक हत्यारे का पता लगा लिया और स्कूल के बस कंडक्टर अशोक को गिरफ्तार कर लिया था। 
पुलिस की जांच के अनुसार टॉयलेट में अशोक चाकू लेकर साफ करने गया था और बच्चे को देखकर उसकी नियत बिगड़ गई। आरोपी ने बच्चे की गला रेतकर हत्या कर दी। माली और बच्चों के बयान के आधार पर पुलिस ने अशोक को कातिल ठहरा दिया। मामले की जांच में डीसीपी साउथ अशोक बख्शी के नेतृत्व में तीन एसीपी को सौंपी गई थी। पूरी टीम मामले के तथ्यों की जांच कर रही थी। ऐसे में सवाल उठता है कि भारी भरकम पुलिस अधिकारियों की नजर आरोपी छात्र के पर क्यों नहीं पहुंची, क्या पुलिस के ऊपर किसी प्रकार का दबाव था। जिसमें जल्दबाजी में सबसे कमजोर को निशाना बनाया गया। अशोक गरीब था और हर तरीके से कमजोर। पुलिस के स्थानीय अधिकारियों के साथ उच्चाधिकारियों पर भी अब सवाल उठ रहे हैं क्योंकि एडीजीपी स्तर के अधिकारी ने भी मामले को देखा। अब हर ओर पुलिस की किरकिरी हो रही है। दूसरी ओर बच्चे के पिता बरुण ठाकुर पुलिस की थ्योरी पर सवाल उठा रहे थे। सरकार ने मामले को सीबीआई को सौप दिया और जिसने 22 सितंबर को जांच शुरू कर दी थी। 
सीबीआई पर मामला सुलझाने का दबाव: प्रद्युम्न मामले में बिहार के सीएम नीतीश कुमार ने हरियाणा के सीएम से बात की थी। दूसरी ओर केन्द्रीय मंत्री राम विलास पासवान, पप्पू यादव और समेत कई नेता मारुति कुंज पीड़ित के घर पर गए थे। सीएम मनोह लाल भी पीड़ित के घर गए थे और मामले की जांच सीबीआई से कराने को कहा था। ऐसे में सीबीआई पर भी राजनीति दबाव था। सीबीआई अशोक के साथ दूसरी थ्योरी पर भी जांच कर ही थी। जिसके आधार पर ठीक दो माह बाद सीबीआई ने एक दूसरे आरोपी को अरेस्ट कर पूरे मामले में सनसनी फैला दी। 

सीबीआई की जांच के 3 और मुख्य बिंदु:
  • कंडक्टर को किस तरह फंसाया गया और इसके लिए कौन-कौन जिम्मेदार हैं। 
  • अपराध की सूचना पहले मिल जाने के बावजूद स्कूल प्रबंधन ने क्यों दबाया? 
  • गुड़गांव पुलिस और स्कूल ने मिलीभगत कर कोई साजिश तो नहीं रची? 
बड़े घराने का लड़का है आरोपी छात्र, पढ़ाई में औसत: प्रद्युम्न मर्डर केस में गिरफ्तार किया गया 11वीं का छात्र काफी बड़े घराने से ताल्लुक रखता है। मूल रूप से सोहना के दौला गांव में उसके परिवार की कई एकड़ जमीन बताई जा रही, एक तरह से यह जमींदार परिवार है। पड़ोसियों ने बताया कि पिछले 12 साल से छात्र का परिवार डिफेंस कालोनी सोहना में रह रहा है। पड़ोसी ने बताया कि प्रद्युम्न मर्डर केस में लगातार बच्चे से पूछताछ की जा रही थी। वहीं रेयान गिरफ्तार छात्र के साथ पढ़ने वाले छात्रों ने बताया कि वह पढ़ाई में एवरेज है। सीबीआई की पूछताछ में भी स्टूडेंट ने इस बात को कबूल किया है कि वह पीटीएम परीक्षा से बच रहा था, जिससे उसने इस घटना को अंजाम दिया। 
निर्दाेष को फंसाने वाले पुलिस अफसरों के खिलाफ कार्रवाई हो - मेनका गांधी: केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री मेनका गांधी ने कहा-जिस तरह इस मामले में निर्दोष इंसान को फंसाया गया है, वह दुखद है। लापरवाही बरतने वाले हरियाणा पुलिस के अफसरों पर कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए। आरोपी अगर 16 साल का है तो उस पर बालिग वाले कानून लागू होंगे। स्कूल में इस तरह की घटनाएं ना हों, इसके लिए 13 नवंबर को बैठक बुलाई गई है। 
अशोक के वकील ने कहा, जमानत की अर्जी लगाएंगे: उधर, कंडक्टर अशोक के वकील मोहित वर्मा ने बताया कि सीबीआई की जांच में प्रद्युम्न की हत्या 11वीं के छात्र ने की है। ऐसे में भोंडसी जेल में बंद अशोक की जमानत याचिका कोर्ट में दायर की जाएगी। इसके बाद गुड़गांव पुलिस पर भी मानिहानि का केस दर्ज किया जाएगा। उन्होंने कहा कि शुरू से ही अशोक अपने को बेगुनाह बता रहा था। पुलिस ने दबाव देकर उसे आरोपी बनाया। 
प्रद्युम्न मर्डर केस में सीबीआई ने रेयान स्कूल के 11वीं के छात्र को मंगलवार की रात गिरफ्तार किया था। बुधवार को सीबीआई ने जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड के सामने पेश किया, जहां से उसे तीन दिन की सीबीआई रिमांड पर भेज दिया गया है। उसे रात में बाल सुधार गृह फरीदाबाद भेज रखा जाएगा और दिन में सीबीआई पूछताछ के लिए लेकर जाएगी। 
सीबीआईने यह बनाए आधार: सीबीआई ने साइंटिफिक एवीडेंस, क्राइम सीन,फॉरेंसिक एनालासिस और सीसीटीवी फुटेज समेत अन्य तथ्यों के आधार पर सोहना निवासी रेयान इंटरनेशनल स्कूल के 11वीं के छात्र को गिरफ्तार किया। 
एक मर्डर दो आरोपी और दो चाकू: सीबीआई की जांच में प्रद्युम्न का मर्डर 11वीं के छात्र ने किया है और उसके पास से एक चाकू भी बरामद हुआ है। दूसरी ओर गुड़गांव पुलिस ने भी अशोक के पास से चाकू बरामद किया था। ऐसे में एक बच्चे के मर्डर के दो आरोपी और दो चाकू बरामद हुए। अब असली हत्यारा कौन है इस पर तरह-तरह के सवाल खड़े हो रहे हैं।