Friday, November 24, 2017

20 साल में 70 तबादले, रिटायरमेंट से तीन माह पहले वेतन-दफ्तर-गाड़ी सब कुछ छीना

साभार: जागरण समाचार 
हरियाणा के दो आइएएस अफसरों अशोक खेमका और प्रदीप कासनी के पीछे सरकारें हाथ धोकर पड़ी रहती हैं। खेमका का अब तक की सर्विस में जहां 50 बार तबादला हो चुका, वहीं कासनी 70 बार तबादले ङोल चुके हैं। नया
मामला कासनी को उनकी रिटायरमेंट से मात्र तीन माह पहले वेतन, आफिस, गाड़ी और स्टाफ नहीं देने का सामने आया है। पर्यावरण विभाग के अधीन आने वाले लैंड यूज बोर्ड का ओएसडी बने कासनी को तीन माह बीत गए, मगर एक बार भी वेतन नहीं मिला है। 
सेंट्रल एडमिनिस्ट्रेटिव टिब्यूनल (कैट) के आदेश के बाद भी हरियाणा सरकार ने प्रदीप कासनी का वेतन जारी नहीं किया है। कैट ने सरकार से वेतन के अलावा दफ्तर, गाड़ी और स्टाफ की सुविधाएं मुहैया कराने पर भी चार सप्ताह के भीतर जवाब मांगा है। कासनी शुक्रवार तक इंतजार करेंगे। उसके बाद शनिवार और रविवार है। सोमवार को वे फिर से कैट में दस्तक देकर वेतन और तमाम व्यवस्थाएं अभी तक नहीं किए जाने की शिकायत दर्ज कराएंगे। 1997 बैच के आइएएस प्रदीप कासनी पहले वे एचसीएस थे। उनकी पत्नी नीलम प्रदीप कासनी भी सीनियर आइएएस रही हैं और राज्यपाल के एडीसी पद से हाल ही में रिटायर हुई हैं। मूल रूप से भिवानी जिले के रहने वाले प्रदीप कासनी और उनकी पत्नी नीलम प्रदीप कासनी दोनों ही साहित्यकार हैं। प्रदीप कासनी की रिटायरमेंट 28 फरवरी 2018 को होनी है। रिटायरमेंट से तीन माह पहले सरकार के इस तरह के बर्ताव पर कासनी बेहद आहत हैं। लैंड यूज बोर्ड का ओएसडी बनने से पहले वे हरियाणा खादी ग्रामोद्योग बोर्ड में प्रशासक लगाए गए थे।
शुरू में अक्सर सीएम के साथ दिखते थे कासनी: कासनी भाजपा सरकार में कई अहम पदों पर भी रहे हैं। मनोहर लाल के शपथ लेने के बाद कासनी को लगातार उनके साथ देखा जाता था। कासनी को गुरुग्राम में मंडलायुक्त लगाया गया, लेकिन बावल में अधिगृहित जमीन के मुआवजे की राशि अधिक तय करने के आरोप में उन्हें हटा दिया गया।
  • मुङो खुद मालूम नहीं कि मेरे से क्या दुश्मनी है। मैंने कभी किसी का कुछ बिगाड़ा भी नहीं, लेकिन गलत के हमेशा खिलाफ रहा हूं। हो सकता है कि किसी को लगता हो कि मैं उन्हें नमस्ते करने नहीं जाता। शायद यह मेरी गलती रही होगी। सेक्टर 17 में मुङो एक कमरा दिया गया है और कहा गया है कि जब वह खाली हो जाएगा, उसमें बैठ सकते हैं। - प्रदीप कासनी, ओएसडी, लैंड यूज बोर्ड।

चीफ सेक्रेटरी ऑफिस बोला कासनी से ही मिलो: चंडीगढ़ : सरकारी विभागों की कार्य प्रणाली भी अजीब है। लैंड यूज बोर्ड के ओएसडी प्रदीप कासनी ने वेतन सुविधाएं नहीं मिलने की शिकायत जब मुख्य सचिव कार्यालय में दर्ज कराई तो वहां से जवाब मिला कि संबंधित विभाग के उच्च अधिकारी से संपर्क करें। इस जवाब से कासनी खुद असमंजस में पड़ गए, क्योंकि लैंड यूज बोर्ड में वही सबसे बड़े अधिकारी हैं। उनके सामने दुविधा इस बात की पैदा हो गई कि वे अब किसके पास अपनी व्यथा सुनाएं। प्रदीप कासनी ने मुख्य सचिव डीएस ढेसी को पत्र लिखकर वेतन, स्टाफ, कार्यालय और गाड़ी की सुविधाएं नहीं मिलने की शिकायत दर्ज कराई थी। उन्हें तीन माह से वेतन और सुविधाएं नहीं मिल रही, जिस कारण वे काम भी नहीं कर पा रहे।

विडंबना: 

  • कैट के आदेश के बाद भी सरकार ने जारी नहीं किया कासनी का तीन माह का रुका हुआ वेतन
  • 20 साल की सर्विस में 70 तबादले ङोल चुके कासनी
  • अब सोमवार को नए सिरे से कैट में करेंगे अपील
  • पत्नी नीलम प्रदीप कासनी रह चुकी हैं राज्यपाल की एडीसी, पति-पत्नी दोनों की गिनती अच्छे साहित्यकारों में