Tuesday, December 19, 2017

छह माह पहले ही चुनावी दांव खेलने को तैयार टीम मनो: एक साथ हो सकते हैं लोस-विस चुनाव

साभार: जागरण समाचार 
गुजरात और हिमाचल के चुनाव नतीजों से उत्साहित हरियाणा सरकार देश में लोकसभा चुनाव के साथ ही विधानसभा चुनाव भी करा सकती है। मिशन 2019 पर तीन दिन के चिंतन के बाद गुजरात और हिमाचल के
नतीजों के मद्देनजर हरियाणा सरकार ने कुछ ऐसे ही संकेत दिए हैं। बूथ स्तर से लेकर प्रदेश स्तर तक पार्टी की मजबूती के लिए होने वाले आमूलचूल बदलाव इसी तैयारी की तरफ इशारा कर रहे हैं। हरियाणा में भाजपा की सरकार बने तीन साल से अधिक समय हो गया। 26 अक्टूबर 2019 को सरकार के पांच साल पूरे होंगे। लोकसभा चुनाव मई 2019 में हैं, जो हरियाणा के चुनाव से करीब छह माह पहले होंगे। ऐसे में सरकार की पूरी तैयारी लोकसभा के साथ ही विधानसभा चुनाव भी कराने की है। गुजरात व हिमाचल की जीत पर जश्न मनाने के बाद मुख्यमंत्री मनोहर लाल और भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सुभाष बराला ने कहा कि हार जीत का अंतर भले ही कितना भी हो, लेकिन जीत तो जीत है। इसे स्वीकार किया जाना चाहिए।  
हरियाणा के चुनाव की तैयारी से जुड़े सवाल पर मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सोच है कि लोकसभा चुनाव के साथ उन राज्यों के भी चुनाव हो, जिनके चुनाव आसपास पड़ते हैं। अधिकतर विपक्षी दलों की भी कुछ ऐसी ही राय है। अगर लोकसभा के साथ हरियाणा के चुनाव होते हैं तो हम तैयार हैं और बाद में भी निर्धारित समय पर होते हैं तो भी हमारी तैयारी पूरी है।
सरकार के कामकाज और अपनी टीम के रिजल्ट से सीएम पुरी तरह संतुष्ट दिखे। चुनाव से पहले सरकार अथवा संगठन में किसी तरह के बदलाव पर उन्होंने कहा कि यह सब रणनीति का हिस्सा होता है। मुख्यमंत्री के अनुसार मोदी व भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के नेतृत्व में कार्यकर्ताओं की बदौलत हम 19 राज्यों में सरकार बना चुके हैं। मुख्यमंत्री परवाणु के टिंबर ट्रेल में तीन दिन हुए मंथन का जिक्र करना नहीं भूले। उन्होंने कहा कि इन तीनों दिन ऐसे हरियाणा की परिकल्पना को साकार बनाने की कार्ययोजना तैयार की गई, जिसमें समाज के अंतिम व्यक्ति को लाभ होगा तथा स्वस्थ-शिक्षित और संपन्न समाज की परिकल्पना साकार हो सकेगी।