Thursday, December 21, 2017

सख्ती: शिक्षा मंत्री की बेटी और डिप्टी स्पीकर के भाई को आइएएस बनाने की प्रक्रिया पर कैट का ब्रेक

साभार: जागरण समाचार 
सेंट्रल एडमिनिस्ट्रेटिव टिब्यूनल (कैट) ने विभागीय अफसरों को आइएएस बनाने की प्रक्रिया पर 9 जनवरी तक रोक लगा दी है। सरकार ने विभिन्न विभागों के पांच अधिकारियों के नाम आइएएस के लिए चयनित कर संघ
लोक सेवा आयोग को भेजे थे, जिसे कैट में चुनौती दी गई है। कैट ने सरकार से पूछा है कि किस पॉलिसी के तहत इन अफसरों को प्रमोशन दी जा रही है। 9 जनवरी तक सरकार को जवाब दाखिल करना होगा। 
प्रदेश सरकार ने पिछले साल विभागीय अधिकारियों को आइएएस नामित करने की प्रक्रिया शुरू की थी। जिन अफसरों के नाम पैनल में भेजे गए थे उनकी एसीआर पूरी नहीं थी। इस कारण संघ लोकसेवा आयोग ने इस पैनल को वापस भेज दिया था। प्रदेश सरकार ने दोबारा पैनल तैयार किया जिसमें शिक्षा मंत्री प्रो. रामबिलास शर्मा के बेटी आशा शर्मा, विधानसभा की डिप्टी स्पीकर संतोष यादव के भाई लाजपत राय, गवर्नर हाउस में तैनात डॉ. राकेश तलवार, स्वास्थ्य महानिदेशक (दंत चिकित्सा) डॉ. प्रवीण सेठी और जिला टाउन प्लानर (डीटीपी) बिजेंद्र राणा के नाम शामिल हैं। 
प्रदेश सरकार ने यह पांचों नाम संघ लोक सेवा आयोग को भेज दिए जिनमें एक नाम फाइनल होना है। कृषि विभाग के एडीशनल डायरेक्टर सुरेंद्र सिंह दहिया ने इस पैनल को चुनौती देते हुए कैट में दस्तक दी। दहिया के मुताबिक लिस्ट में उनका नाम टॉप पर था, लेकिन न तो पिछली बार और न ही इस बार उन्हें पैनल में शामिल किया गया है। 
सुरेंद्र सिंह दहिया ने बताया कि कैट ने पूरी प्रक्रिया पर रोक लगाते हुए सरकार से 20 दिसंबर तक जवाब मांगा था, लेकिन बुधवार को सरकार कोई ठोस जवाब नहीं दे पाई। अब सरकार को 9 जनवरी तक जवाब देना होगा।