साभार: जागरण समाचार
फिल्म पद्मावती के प्रसारण को लेकर विवाद बढ़ता जा रहा है। संजय लीला भंसाली व दीपिका पादुकोण का सिर काटकर लाने वालों के लिए दस करोड़ रुपये का इंतजाम करने का दावा करने वाले भाजपा नेता सूरजपाल अम्मू
को भाजपा ने भले ही कारण बताओ नोटिस जारी कर दिया, लेकिन भाजपा सरकार के ही मंत्री इस फिल्म के खुले विरोध में है।
फिल्म पद्मावती के प्रसारण पर हरियाणा में भी रोक लगाने की मांग बुधवार को होने वाली मंत्रिमंडल की बैठक में उठाई जाएगी। स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज कैबिनेट की बैठक में यह मांग उठाएंगे। उन्होंने पूर्व में भी कई बार फिल्म के विभिन्न दृश्यों पर आपत्ति जताई, जबकि उद्योग मंत्री विपुल गोयल ने इतिहास से छेड़छाड़ करने पर आपत्ति जताते हुए संजय लीला भंसाली और केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह को पत्र लिखे हैं। स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने मंगलवार को कहा कि अभी तक फिल्म के जितने प्रोमो आए हैं, उनमें पद्मावती को नाचते हुए भी दिखाया जा रहा है, जबकि वह भगवान की आराधना करती रही है। हरियाणा में फिल्म का प्रसारण न हो, इसके लिए कैबिनेट की बैठक में प्रस्ताव लाया जाएगा। उम्मीद की जा रही है कि विज के इस प्रस्ताव पर पूरी कैबिनेट मुहर लगा सकती है।
उत्तर प्रदेश, राजस्थान और मध्यप्रदेश में बंद हो चुका प्रसारण: उत्तर प्रदेश, राजस्थान और मध्यप्रदेश में फिल्म का प्रसारण नहीं होने का नीतिगत फैसला लिया जा चुका है। यह तीनों राज्य भाजपा शासित हैं। इन तीनों राज्यों की तर्ज पर हरियाणा में भी फिल्म नहीं चलने का निर्णय संभव है।