साभार: जागरण समाचार
अगर आप नई कार, ट्रक या बस खरीदने की बना रहे हैं तो आपके लिए बड़ी खबर है। एक दिसंबर से हर नए वाहन में फास्टैग ऑनलाइन डिवाइस को अनिवार्य कर दिया गया है। इस तारीख से फैक्ट्री या शोरूम से बाहर
आने वाले हर वाहन में यह डिवाइस लगाना होगा। यह फैसला केंद्रीय परिवहन मंत्रलय ने लिया है, जिसके बाद फास्टैग ऑनलाइन डिवाइस लगे वाहनों को टोल टैक्स बैरियर पर अपनी पर्ची के लिए इंतजार नहीं करना पड़ेगा। यह जिम्मेदारी वाहन निर्माता या फिर वाहन बेचने वाले अधिकृत डीलर की होगी कि नए वाहनों में फास्टैग डिवाइस लगाई जाए। केंद्र सरकार की ओर से इस बारे में अधिसूचना जारी हो चुकी है, जिसमें साफ कहा गया है कि 1 दिसंबर और उसके बाद बिकने वाले नए चार पहिया वाहनों के लिए फास्टैग लगाना अनिवार्य होगा। राज्य में चंडीगढ़ से दिल्ली, रोहतक, परवाणु और पंजाब जाने के लिए रास्ते में आधा दर्जन से अधिक टोल टैक्स बैरियर पड़ते हैं, जिन पर टोल देने के लिए लंबी लंबी लाइनें लगती हैं।
खुद कट जाएगी टोल की राशि: फास्टैग रेडियो फ्रीक्वेंसी टैग की तरह है, जिसे वाहन की स्क्रीन पर लगाया जाता है। इसका फायदा यह होता है कि इसे एक बार कुछ राशि देकर रिचार्ज कराया जा सकता है और जब वाहन किसी भी टोल प्लाजा से गुजरता है तो वहां वाहन चालक को रुककर टोल देने की जरूरत नहीं पड़ती। इस टैग के जरिए टोल पर वाहन की पहचान हो जाती है और उस टैग में जमा राशि में से ही टोल की राशि खुद ही कट जाती है। इस तरह से इस टैग में जमा राशि के समाप्त होने के बाद उसे फिर से रिचार्ज कराया जा सकता है।
टोल प्लाजा पर नहीं बढ़ेगी भीड़: सरकार ने हर टोल प्लाजा पर फास्टैग युक्त वाहनों के लिए पहले ही अलग लेन तय करने का फैसला किया है। इस तरह से फास्टैग वाले वाहनों को अपनी अलग लेन से होते हुए ही गुजरना होगा। परिवहन मंत्रलय के अधिकारियों का कहना है कि नया चार पहिया वाहन खरीदते वक्त इसे इसलिए लगाया जा रहा है ताकि वाहन खरीदने के बाद वाहन मालिक उसे रिचार्ज करा सके।