Monday, November 6, 2017

चीन को धूल चटा कर भारतीय लड़कियों ने जीता एशिया कप हॉकी का खिताब

साभार: जागरण समाचार 
विजयरथ पर सवार भारतीय महिला हॉकी टीम ने रविवार को पेनाल्टी शूटआउट में चीन को 5-4 से शिकस्त देकर 13 साल बाद एशिया कप हॉकी का खिताब
जीत लिया। चौथी बार फाइनल खेलने वाली भारतीय टीम दूसरी बार चैंपियन बनीं। इससे पहले उसने 20 में यह खिताब जीता था। भारतीय पुरुषों ने भी पिछले महीने चौथी बार एशिया कप की ट्रॉफी जीती थी।  
निर्धारित समय तक स्कोर एक-एक से बराबर रहने के बाद पेनाल्टी शूटआउट में दोनों टीमें पांच-पांच मौकों के बाद 4-4 की बराबरी पर थीं। इसके बाद सडेन डेथ का सहारा लिया गया, जिसमें चीनी कप्तान क्यूजिया गोल को सविता ने रोक लिया, जबकि भारतीय कप्तान रानी रामपाल ने गोल कर भारत को 5-4 से जीत दिला दी। इसके साथ ही भारत ने 2009 के फाइनल में चीन के हाथों मिली हार का बदला भी चुकता कर लिया।
  • दूसरा देश बना भारत पुरुष और महिला एशिया कप का डबल खिताब जीतने वाला
  • तीन बार यह खिताब दक्षिण कोरिया ने जीता है, जबकि भारत, चीन और जापान ने दो-दो बार
  • चार बार टूर्नामेंट का फाइनल खेला भारतीय टीम ने। टीम दो बार विजेता, दो बार उपविजेता बनी
  • 29 गोल टूर्नामेंट में भारतीय महिलाओं ने किए, जबकि सिर्फ पांच खाए


महिला हॉकी टीम के इस शानदार प्रदर्शन से देश बेहद खुश है। -नरेंद्र मोदी, प्रधानमंत्री

देशवासियों के विश्वास की बदौलत बेटियों ने चीन को मात दी है। इस जीत के लिए समस्त देशवासी बधाई के पात्र हैं। - महेन्द्र पूनिया, सविता के पिता

हमें बहुत खुशी है कि हमने एशिया कप जीत लिया है। सविता ने सडन डेथ में शानदार बचाव किया और मुङो खुशी है कि मैंने सडन डेथ में गोल कर दिया। - रानी रामपाल, भारतीय कप्तान

परिवार में खुशी का माहौल है। बेटियों ने बेहतरीन प्रदर्शन कर मेडल हासिल किया है। जीत पर बहुत खुशी है। - संतोष टांडी,सोनिका की मां