Friday, November 3, 2017

अभय का इलाज अमृतसर-आगरा में करा देंगे, नौकरी बिकती है, सीएलयू - विज

स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने इनेलो नेता अभय चौटाला पर तंज कसते हुए कहा कि वह पूरी तरह से स्वस्थ हैं। यदि अभय चौटाला को इलाज की जरूरत है तो वह उनका इलाज अमृतसर या आगरा में जरूर करवा देंगे। विज
ने इनेलो नेता अभय सिंह चौटाला के उस बयान पर जवाब दिया, जिसमें चौटाला ने डेंगू बुखार को लेकर दिए बयान में स्वास्थ्य मंत्री पर कटाक्ष किया था। कांग्रेस के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष पर पलटवार करते हुए राहुल को जितना उछलना है उछल लें। गुजरात और हिमाचल में भाजपा ही जीतेगी। तब उसे जबरदस्त करंट लगेगा। विज राहुल के उस बयान का जवाब दे रहे थे, जिसमें कहा था कि भाजपा को दोनों राज्यों में हार का करंट लगने वाला है। 
विसमें दो दिन तो कांग्रेसी आए ही नहीं: विज ने पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा को आड़े हाथों लिया। कहा- अब नौकरी बिकती है और सीएलयू। तबादलों की दुकानें सजती हैं और ही किसी तरह के दूसरे खेल होते हैं। तीन दिन के विधानसभा सत्र में 2 दिन तो कांग्रेसी आए ही नहीं थे। विज गुरुवार को चंडीगढ़ में पत्रकारों से बात कर रहे थे। 
खेल कोटे में मेरिट पर मिलेगी नौकरी: विजने कहा कि खेल कोटे में सभी को वरिष्ठता और मेरिट के आधार पर नौकरी दी जाएगी। इसके लिए आवेदन मांगे हैं। मंत्रियों की कमेटी बनाई है। वहीं, विज ने वरिष्ठ आईएएस अशोक खेमका का स्टेट वेयर हाउसिंग के गोदामों पर गेलवल्यूम शीट्स मामले में क्लीनचिट देने के बाद कहा कि-कुछ लोग ईमानदारों को दबाना चाहते हैं। इसी मामले की जानकारी लीक होने को लेकर कांग्रेस विधायक डॉ. रघुवीर कादियान का समर्थन भी किया। 
जेबीटी टीचरभर्ती घोटाले पर चौटाला परिवार को सजा होने के बाद इनेलो पूर्व सीएम पर शुरू से हमलावर रही है। गुरुवार को पूर्व सीएम हुड्‌डा ने इस मामले में सफाई देते हुए कहा कि पूर्व सीएम ओपी चौटाला अजय चौटाला को नौकरियां देने की वजह से सजा नहीं हुई, बल्कि भ्रष्टाचार, आपराधिक षड़यंत्र और दस्तावेजों का गलत इस्तेमाल करके धोखाधड़ी करने के मामले में सजा हुई है। चौटाला मेरे बड़े भाई हैं। इस उम्र में कम से कम उन्हें झूठ नहीं बोलना चाहिए। हुड्डा ने कहा कि संजीव कुमार ने अपने आपको व्हिसल ब्लोअर बताते हुए 5 जून, 2003 को सुप्रीम कोर्ट में याचिका लगाई थी। इस पर 25 नवंबर 2003 को सीबीआई को जांच करने का आदेश दिया था। सीबीआई ने इस पर 12 दिसंबर 2003 को प्रारंभिक जांच (पीई) दर्ज की थी। 24 मई 2004 को सीबीआई ने इस मामले में भारतीय दंड संहिता की धारा 120बी, 420, 467, 468, 471 और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 13 सपठित 13 (1) डी के तहत एफआईआर दर्ज कर ली थी। उस समय तक चौटाला ही प्रदेश के मुख्यमंत्री थे। हुड्‌डा चंडीगढ़ स्थित अपने निवास पर पत्रकारों से बात कर रहे थे। 
सफाई देने के बजाय गलती स्वीकारें, जनता देगी सजा, मैं जेल तक छोड़ने जाऊंगा अभय: इधर, अभय चौटाला ने हुड्डा की सफाई पर कहा कि उससे यह पूछा जाना चाहिए कि इतने साल बाद सफाई क्यों देनी पड़ रही है। दरअसल हुड्डा अपराध बोध से ग्रसित हैं। इसलिए सफाई देकर पश्चाताप करना चाहते हैं। वास्तविकता यह है कि वर्ष 2007 में जब सीबीआई ने चार्जशीट फाइल की थी, उससे पहले तक ओपी चौटाला और अजय चौटाला का कहीं नाम नहीं था। एफआईआर में कहीं नाम था, लेकिन सीबीआई ने चार्जशीट में उन्हें धारा 120 बी का मुल्जिम बनाया। उस समय हरियाणा केंद्र में कांग्रेस की सरकार थी। इसलिए हुड्डा को माफ नहीं किया जा सकता। इनकी सजा प्रदेश की जनता तय करेगी और मैं हुड्डा को जेल तक छोड़कर आऊंगा।