Saturday, November 11, 2017

प्रद्युम्न हत्याकांड: बड़ा सवाल - पुलिस कहां से लाई थी चाकू?

साभार: जागरण समाचार 
प्रद्युम्न हत्याकांड में अब बड़ा सवाल यह उठ रहा है कि पुलिस ने जिस चाकू को दिखाया था, उसे पुलिस कहां से लाई थी? बस हेल्पर अशोक अपने ऊपर लगे आरोप नकार चुका है। अब मामले की जांच कर रही सीबीआइ भी
यह कह चुकी है कि वारदात में अशोक शामिल ही नहीं था। ऐसे में बड़ा सवाल है कि पुलिस ने वह चाकू को कहां से लिया था? स्कूल बस के चालक ने ही कहा था कि बस की किट में चाकू नहीं था। पुलिस दावा कर रही थी कि बस की किट में चाकू था जिसे घर ले जाने को धोने के लिए अशोक बाथरूम गया था। 
पुलिस को बरामद हुआ चाकू धुला हुआ था। वहीं सीबीआइ ने बाथरूम के कमोड से जो चाकू बरामद किया, वह पुलिस द्वारा बरामद चाकू से अलग है। सीबीआइ का दावा है कि अभियुक्त छात्र ने वारदात को अंजाम देने से काफी पहले सोहना के हनुमान बगीची स्थित एक दुकान से खरीदा था। सीबीआइ ने अभियुक्त से बृहस्पतिवार को दुकान की निशानदेही भी कराई थी। हालांकि दुकानदार छात्र द्वारा चाकू खरीदने से मना कर रहा है। सीबीआइ टीम का एक सदस्य 10 दिन पहले ग्राहक बन कर चार चाकू लेकर गया था। ये चारों चाकू बरामद चाकू से मिलते-जुलते हैं। सीबीआइ का दावा कितना सटीक है, यह तो आगे की जांच में पता चलेगा, लेकिन पुलिस के चाकू पर सवाल खड़े हो गए हैं। क्या चाकू पुलिस व स्कूल प्रबंधन ने मैनेज कर घटनास्थल पर डाला? अमूमन बस की टूल किट में चाकू नहीं होता। वहीं दुकानदार द्वारा चाकू उसकी दुकान से खरीदे जाने की बात को नकारने के बाद से सीबीआइ के चाकू पर भी सवाल खड़े हो रहे है। उक्त दुकानदार ने यह भी कहा कि सीबीआइ अधिकारी पहले ग्राहक बन चाकू ले गए बाद में वे आए और कहा था जब हम सवाल करें तो कह देना कि छात्र ने चाकू खरीदा था। हालांकि यह भी हो सकता है कि दुकानदार जांच के झमेले से बचने और अभियुक्त छात्र के परिवार के प्रभाव में सच नहीं कह रहा हो। सीबीआइ प्रवक्ता ने कहा कि हमारे पास पुख्ता सुबूत हैं कि चाकू उसी दुकान से खरीदा गया था।
दसवीं में 6 सीजीपीए: सीबीआइ का दावा है कि अभियुक्त छात्र पढ़ने में कमजोर है और मासिक परीक्षा व पीटीएम टलवाने के लिए उसने मासूम छात्र का कत्ल कर दिया। दैनिक जागरण के हाथ लगे अभियुक्त छात्र प्रमाण पत्रों के मुताबिक उसके दसवीं कक्षा में ज्यादा अच्छें अंक नहीं थे। प्रमाण पत्र के मुताबिक उसके दसवीं में 6 सीजीपीए थे।
दसवीं के परीक्षा परिणाम के बाद व्यवहार में आया था बदलाव: अभियुक्त छात्र के एक सहपाठी ने बताया कि स्कूल में हुए पहले टेस्ट में भी छात्र ने ठीक प्रदर्शन नहीं किया था। दसवीं में भी उसे अच्छा ग्रेड नहीं मिला था, जबकि वह कहता रहता था कि घरवालों को उससे बड़ी उम्मीद है। वह टेस्ट का नाम आते ही बेचैन हो जाता था। दसवीं के परीक्षा परिणाम के बाद उसके व्यवहार में बदलाव आया। वह जरा सी बात में लड़ने को तैयार हो जाता था।