Saturday, November 4, 2017

खिलाड़ियों के आएंगे अच्छे दिन, अवमानना याचिका पर सुनवाई करते हुए खेल विभाग पर सख्त हाईकोर्ट

साभार: जागरण समाचार 
हरियाणा सरकार स्कूल व कॉलेजों में खेलों में अच्छा प्रदर्शन करने वाले खिलाड़ियों के अच्छे दिन आने वाले हैं। अब तक खेल विभाग कागजों में ही योजनाएं बना रहा था और खिलाड़ियों को लाभ दिया नहीं जा रहा था। अब
हाईकोर्ट ने अवमानना याचिका पर सुनवाई करते हुए सरकार से पूछा कि खिलाड़ियों के लिए क्या क्या कर रहे हो। खेल विभाग की तरफ से हाईकोर्ट में दिए एक हलफनामे में कहा गया है कि उनके पास खिलाड़ियों के लिए आजीवन प्रोत्साहन राशि देने की भी योजना है। हालांकि अब तक इस योजना का लाभ नहीं मिल रहा था। मगर हाईकोर्ट में हलफनामा दाखिल होने के बाद खिलाड़ियों को उम्मीद जगी है कि उन्हें योजनाओं का लाभ हर हाल में मिलेगा।
समैन की खिलाड़ी रेनू गिल ने कुछ माह पहले पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में सरकार के खिलाफ एक याचिका दायर की थी। याचिका पर सुनवाई के बाद कोर्ट ने आदेश दिया कि रेनू गिल को नौकरी दी जाए। इसके बाद सरकार नौकरी नहीं दी। रेनू गिल की तरफ से एडवोकेट आफताब खारा की मार्फत हाईकोर्ट में अवमानना याचिका दायर की गई।
उस याचिका पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने खेल विभाग के निदेशक जगदीप सिंह समेत चार अधिकारियों पर 50 हजार रुपये जुर्माना लगा दिया। आदेश दिया कि यह जुर्माना वे अपनी तनख्वाह से देंगे। 
इसी अवमानना याचिका पर सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने अधिकारियों से पूछा कि इन खिलाड़ियों को छोड़ बाकी खिलाड़ियों के लिए सरकार के पास क्या योजना है। उनके लिए सरकार क्या कर रही है। उसके जवाब में सरकार ने खेल नीति 2015 का हवाला देते हुए सारी योजनाओं का जिक्र किया है।
हलफनामे में गिनाई हैं योजनाएं: खेल विभाग के निदेशक ने हलफनामा एक देकर कहा है कि खेल विभाग स्कूल व कॉलेज से जिलास्तरीय, राज्यस्तरीय व राष्ट्रीय स्तर के खेलों में हिस्सा लेकर प्रथम, द्वितीय व तृतीय स्थान प्राप्त करता है, उन्हें वार्षिक प्रोत्साहन राशि दी जा रही है। कॉलेज से राष्ट्रीय स्तर की खेल प्रतिस्पर्धा में प्रथम स्थान प्राप्त करने पर 3 हजार रुपये वार्षिक, द्वितीय स्थान प्राप्त करने पर 2400 रुपये व तृतीय स्थान प्राप्त करने वाले खिलाड़ी को 1800 रुपये वार्षिक प्रोत्साहन राशि दी जाएगी। स्कूल से राष्ट्रीय खेलों में प्रथम स्थान प्राप्त करने वाले खिलाड़ी को 2400 रुपये सालाना, द्वितीय स्थान के खिलाड़ी को 1800 रुपये व तृतीय को 1200 रुपये वार्षिक दिए जा रहे हैं। इसके अलावा भी अलग अलग अवार्ड का जिक्र किया है।
अधिवक्ता बोले, अब मुकर नहीं सकती प्रदेश सरकार: अवमानना याचिका में रेनू गिल, जयबीर व राजू आदि की तरफ से पैरवी कर रहे आफताब खारा ने बताया है कि खेल विभाग की योजनाएं बहुत सारी हैं, लेकिन वास्तव में खिलाड़ियों को उनका लाभ नहीं मिल पाता। इसलिए हाईकोर्ट ने सारी योजनाओं के बारे में हलफनामा मांग लिया। अब खेल विभाग अपनी जिम्मेदारी से मुकर नहीं सकता। यदि किसी को उन योजनाओं का लाभ नहीं मिलता या खेल विभाग कोई आनाकानी करेगा तो उसे हाईकोर्ट में चुनौती दी जा सकती है।