Thursday, November 23, 2017

शहरी निकायों की प्रॉपर्टी में सालों से बैठे किराएदार बनेंगे दुकान-मकान के मालिक

साभार: भास्कर समाचार
शहरी निकायों की प्रॉपर्टी में सालों से मामूली किराए पर बैठे लोग जल्द ही उन मकानों-दुकानों के मालिक बनेंगे। राज्य सरकार नगर निगम अधिनियम 1994 की धारा 164(सी) में संशोधन करेगी। बुधवार को सीएम
मनोहर लाल की अध्यक्षता में राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में इस फैसले को मंजूरी दी गई। इससे प्रदेशभर में 20 हजार से ज्यादा लोगों को फायदा मिलेगा। नगर निगम केवल 1000 वर्ग गज तक के मकान या दुकान का ही मालिकाना हक ट्रांसफर कर सकेंगे। इससे ज्यादा क्षेत्रफल वाली प्रॉपर्टी के लिए सरकार की मंजूरी लेनी होगी। यह फैसला इसलिए किया गया है, क्योंकि इस तरह की प्रॉपर्टी से नगर निगमों को किराया भी बहुत कम मिल रहा है और प्रॉपर्टी को खाली कराना भी संभव नहीं हो पा रहा। सूत्रों के मुताबिक किराएदार को संपत्ति का मालिकाना हक देने के लिए 500 रुपए मासिक से कम किराया राशि और 20 साल से ज्यादा समय से कब्जा होने की शर्त जोड़ने पर विचार किया जा रहा है। 
दुर्गा माता मंदिर बनभौरी और पंचकूला चंडी देवी मंदिर का प्रबंधन अपने हाथ में लेगी सरकारहिसार के बनभौरी स्थित दुर्गा माता मंदिर और पंचकूला स्थित माता चंडी देवी मंदिर का प्रबंधन सरकार अपने हाथ में लेगी। यह फैसला तीर्थ यात्रियों और श्रद्घालुओं के समक्ष रही कठिनाइयों और सुविधाओं की कमी को देखते हुए लिया गया है। 400 साल पुराने बनभौरी मंदिर का प्रबंधन इस समय पुजारी के परिवार के हाथों में है। मंदिर में 14 से 15 करोड़ रुपए वार्षिक की राशि लोगों द्वारा दान स्वरूप भेंट की जाती है। यह समस्त राशि पुजारी के हाथों में रहती है। इसका रिकॉर्ड भी नहीं रखा जाता। तीर्थ यात्रियों द्वारा दी गई दान राशि का सदुपयोग और करोड़ों रुपए की संपत्ति की सुरक्षा के लिए मंदिर के प्रबंधन और शासन का कार्य सरकार अपने हाथ में लेगी। 
महेंद्रगढ़ में टोल प्लाजा नंबर-49 हटेगा: 
महेंद्रगढ़ में नारनौल-कोरियावास-रामबास सड़क पर राजस्थान बॉर्डर टोल प्लाजा 49 हटेगा। डीनोटिफाइड करने को मंजूरी। {विभिन्न प्रोजेक्ट और सरकारी योजनाओं के लिए जमीन उपलब्ध कराने के लिए एचएसआईआईडीसी नोडल एजेंसी होगी। इसके लिए वह जमीन की लेन-देन राशि का एक प्रतिशत शुल्क ले सकेगी। 
हिंदी आंदोलन के सत्याग्रहियों को पेंशन: 
1957 के हिंदी आंदोलन में शामिल रहे हरियाणा के सत्याग्रहियों को 10 हजार रुपए मासिक पेंशन दी जाएगी। ऐसे 194 सत्याग्रही चिन्हित किए गए हैं। वहीं, मान्यताप्राप्त पत्रकारों को 60 की उम्र के बाद 10 हजार रु. मासिक पेंशन दी जाएगी। इसके लिए 5 वर्ष तक राज्य सरकार की मान्यता पत्रकारिता में 20 वर्ष का अनुभव अनिवार्य है।