साभार: जागरण समाचार
पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट में डेरा मामले में सुनवाई के दौरान कोर्ट कमिश्नर एकेएस पंवार ने डेरे की जांच से जुड़ी रिपोर्ट और वीडियोग्राफी कोर्ट को सौंपी। इस पर डेरा प्रबंधन की ओर से रिपोर्ट व वीडियो सार्वजनिक करने
पर रोक लगाने की मांग करते हुए आपत्तियां दर्ज की गई। इस पर हाई कोर्ट ने तीखी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि डेरे में स्कूल और अस्पताल ही चल रहे हैं या कोई बंकर मौजूद हैं जो डेरे को इतनी आपत्ति है। यह कोई राष्ट्रीय सुरक्षा का मुद्दा नहीं है जिसे लेकर इतना डर बताया जा रहा है। 1इससे पूर्व कोर्ट ने कोर्ट कमिश्नर की रिपोर्ट को रजिस्ट्रार ज्यूडिशियल को सौंप दिया। साथ ही सभी वकीलों को छूट दी कि यदि वे इसकी कॉपी चाहते हैं तो इसे रजिस्ट्रार से प्राप्त कर सकते हैं। हाई कोर्ट ने कोर्ट मित्र अनुपम गुप्ता से कहा कि वे इस रिपोर्ट को पढ़े और मुद्दे निकालें जिन पर अगली सुनवाई के दौरान बहस होगी। इस पर कोर्ट मित्र ने कहा कि उन्हें भी वीडियो उपलब्ध करवाई जाए, जिस पर डेरा की ओर से आपत्ति दर्ज की गई। डेरे की ओर से कहा गया कि डेरे में परिवार भी रहते हैं और यह उनके निजता के अधिकार का हनन है। इस पर कोर्ट ने कहा कि किसी के अधिकारों का हनन करना हमारा उद्देश्य नहीं है। डेरा कोई निजी संपत्ति नहीं है और जांच के दौरान की गई वीडियोग्राफी को जारी करने से डेरे को क्या आपत्ति हो सकती है। डेरे का स्कूल व अस्पताल चलता है। सेना का बंकर तो है नहीं जो इससे इतनी आपत्ति है। हालांकि हाई कोर्ट ने फिलहाल वीडियो सार्वजनिक न करने का फैसला लिया है। साथ ही कहा कि इस वीडियो को वे खुद देखेंगे और अगली सुनवाई पर बहस होगी कि इसे सार्वजनिक किया जाए या नहीं। बताया गया कि हाई कोर्ट ने रामपाल केस में आदेश दिए थे कि नियमित रूप से डेरों की जांच हो। आदेश पालना नहीं होने का रिजल्ट सामने हैं।
पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट में डेरा मामले में सुनवाई के दौरान कोर्ट कमिश्नर एकेएस पंवार ने डेरे की जांच से जुड़ी रिपोर्ट और वीडियोग्राफी कोर्ट को सौंपी। इस पर डेरा प्रबंधन की ओर से रिपोर्ट व वीडियो सार्वजनिक करने
पर रोक लगाने की मांग करते हुए आपत्तियां दर्ज की गई। इस पर हाई कोर्ट ने तीखी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि डेरे में स्कूल और अस्पताल ही चल रहे हैं या कोई बंकर मौजूद हैं जो डेरे को इतनी आपत्ति है। यह कोई राष्ट्रीय सुरक्षा का मुद्दा नहीं है जिसे लेकर इतना डर बताया जा रहा है। 1इससे पूर्व कोर्ट ने कोर्ट कमिश्नर की रिपोर्ट को रजिस्ट्रार ज्यूडिशियल को सौंप दिया। साथ ही सभी वकीलों को छूट दी कि यदि वे इसकी कॉपी चाहते हैं तो इसे रजिस्ट्रार से प्राप्त कर सकते हैं। हाई कोर्ट ने कोर्ट मित्र अनुपम गुप्ता से कहा कि वे इस रिपोर्ट को पढ़े और मुद्दे निकालें जिन पर अगली सुनवाई के दौरान बहस होगी। इस पर कोर्ट मित्र ने कहा कि उन्हें भी वीडियो उपलब्ध करवाई जाए, जिस पर डेरा की ओर से आपत्ति दर्ज की गई। डेरे की ओर से कहा गया कि डेरे में परिवार भी रहते हैं और यह उनके निजता के अधिकार का हनन है। इस पर कोर्ट ने कहा कि किसी के अधिकारों का हनन करना हमारा उद्देश्य नहीं है। डेरा कोई निजी संपत्ति नहीं है और जांच के दौरान की गई वीडियोग्राफी को जारी करने से डेरे को क्या आपत्ति हो सकती है। डेरे का स्कूल व अस्पताल चलता है। सेना का बंकर तो है नहीं जो इससे इतनी आपत्ति है। हालांकि हाई कोर्ट ने फिलहाल वीडियो सार्वजनिक न करने का फैसला लिया है। साथ ही कहा कि इस वीडियो को वे खुद देखेंगे और अगली सुनवाई पर बहस होगी कि इसे सार्वजनिक किया जाए या नहीं। बताया गया कि हाई कोर्ट ने रामपाल केस में आदेश दिए थे कि नियमित रूप से डेरों की जांच हो। आदेश पालना नहीं होने का रिजल्ट सामने हैं।