Saturday, November 11, 2017

सिरसा में हिंसा के दौरान मरने वाले डेरा समर्थकों की मौत किसकी गोली से? नहीं हुई पुष्टि, मधुबन लैब भेजी रिपोर्ट

साभार: भास्कर समाचार
डेरा चीफ गुरमीत सिंह को पंचकूला सीबीआई कोर्ट की ओर से दोषी करार दिए जाने के बाद 25 अगस्त की शाम को सिरसा में हुई हिंसा के मामले में मारे गए 6 लोगों की मौत किसकी गोली से हुई है, इसकी अभी तक पुष्टि
नहीं हुई है। पुलिस के मुताबिक इसकी रिपोर्ट मधुबन लैब में भेजी गई है। वहां से रिपोर्ट आने के बाद ही पता लग सकेगा कि हिंसा में मरे लोगों को पुलिस की गोली लगी है या फिर किसी और की। पुलिस ने कोर्ट में दाखिल की गई चार्जशीट में बताया कि शहर की तरफ बढ़ रहे उपद्रवियों को रोकने के लिए ड्यूटी मजिस्ट्रेट के आदेश पर फायरिंग की थी। उपद्रवियों ने शहर की सुरक्षा के लिए लगाए गए नाके पर हमला बोल दिया था। नाका तोड़ने का भी प्रयास किया था। जवाब में सुरक्षा बल को भी फायरिंग करनी पड़ी थी। पुलिस ने चार्जशीट में यह जरूर लिखा है कि हिंसा में जो 6 लोगों मौत हुई है, उनको गोली लगी थी। मेडिकल रिपोर्ट और गोली के खोल आदि सबूत मधुबन भेजे गए हैं। 
डेराप्रेमी 17 अगस्त से ही बनाने लगे थे प्लानिंग: पुलिस की ओर से कोर्ट में दाखिल की गई चार्जशीट में महत्वपूर्ण खुलासा हुआ है। गिरफ्त में आए एक भंगीदास के बयान का हवाला देते हुए पुलिस ने कोर्ट को बताया है कि जब साध्वी दुष्कर्म मामले में 17 अगस्त के दिन सीबीआई कोर्ट की तरफ से आॅर्डर हुए कि 25 अगस्त को गुरमीत सिंह को व्यक्तिगत पेश होना है। उसी दिन से डेरा प्रबंधन कमेटी को शक हो गया था कि फैसला खिलाफ आएगा। इसलिए 17 अगस्त से ही फैसले को लेकर 15 सदस्यीय कमेटी ने बैठक करनी शुरू कर दी थी, जिससे साफ है उपद्रवियों की मंशा सरकार को झुकाना थी। 25 अगस्त की सुबह तक लगातार बैठकें हो रही थीं। कल्याण नगर और डेरा मुख्यालय था। बैठकों में ही पूरे प्रकरण की प्लानिंग तैयार की गई थी।