साभार: जागरण समाचार
वर्षो की लड़ाई के बाद परिवहन विभाग में एक साल पहले पक्के हुए 8200 चालकों और परिचालकों को सरकार ने आर्थिक बोझ से बचने को फिर से कच्चा कर दिया है। एडवोकेट जनरल की कानूनी राय के बाद परिवहन
निदेशालय ने इन सभी कर्मचारियों को नियमित वेतनमान के अलावा कोई भत्ता नहीं देने के निर्देश दिए हैं। साथ ही अभी तक जो भत्ते दिए जा चुके हैं, उनकी भी रिकवरी होगी। वर्ष 2003 से 2014 तक भर्ती हुए इन कर्मचारियों को पक्का करने के लिए रोडवेज यूनियनों की हड़ताल और लंबे आंदोलनों के बाद सरकार ने पिछले साल 29 नवंबर को इन 8200 कर्मचारियों को पक्का कर दिया था।
परिवहन निदेशक ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर एडवोकेट जनरल की राय का हवाला देते हुए सभी महाप्रबंधकों को लिखित आदेश जारी किया है कि इन कर्मचारियों को पक्का नहीं मानकर सिर्फ नियमित वेतनमान दिया जाए। यानी कि इन कर्मचारियों को भत्तों और एसीपी का लाभ नहीं मिलेगा। अभी तक जो भत्ते दिए गए, उनकी रिकवरी की जाएगी। हरियाणा रोडवेज संयुक्त कर्मचारी संघ के प्रदेश अध्यक्ष एवं रोडवेज कर्मचारी तालमेल कमेटी के नेता दलबीर किरमारा ने कहा कि रोडवेज कर्मचारी पहले ही आंदोलन की राह पर हैं और सरकार उनके जले पर नमक छिड़क रही है।