Saturday, November 11, 2017

हर परिवार को यूनिक आईडी देने के लिए होना था जनसेवा सर्वे, छह माह ट्रेनिंग 8 बार तारीख के बाद अब कोर्ट के आदेश पर रोका, 6 हजार सक्षम होंगे रिलीव

साभार: भास्कर समाचार
हरियाणा में हर परिवार को यूनिक आईडी देने के लिए करवाए जाने वाले जनसेवा सर्वे को शुरू होने से पहले ही सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद रोक दिया गया है। बैंक अकाउंट समेत 113 बिंदुओं पर जो जानकारी मांगी जा रही
है, उसका विरोध किया जा रहा है। अब इस काम के लिए ट्रेंड किए जा रहे 6 हजार बेरोजगार युवाओं यानी सक्षम को भी रिलीव किया जा रहा है। सर्वे के लिए लाए गए 6 हजार नए टैबलेट धूल फांक रहे हैं। जनसेवा सर्वे (एसआरडीबी) को लेकर प्रदेश सरकार शुरू से ही फजीहत झेल रही है। आधी-अधूरी तैयारी के साथ शुरू किए जा रहे सर्वे की आठ बार तारीख बदली जा चुकी है, लेकिन यह अब तक शुरू नहीं हो सका है। अब फाइनेंस कमिश्नर आईटी की ओर से पत्र जारी कर सर्वे प्रक्रिया रोकने के आदेश दिए गए हैं। 
सर्वे में 113 बिंदुओं पर जानकारी: जन सेवा सर्वे के तहत हर परिवार से उनकी सामाजिक आर्थिक स्थिति जानने के लिए 113 सवालों को घर-घर जाकर पूछा जाना था। प्रदेश सरकार इसे आंध्रप्रदेश की तर्ज पर करवाने का दावा कर रही है। 
आठबार बदल चुकी हैं तारीखें: प्रदेश में जनसेवा सर्वे को करवाने के लिए अब तक आठ बार तारीखें बदल चुकी हैं। सर्वे को मई में शुरू करना था, लेकिन टैबलेट नहीं आए। फिर 15 जून और 20 जुलाई की तारीख भी निकल गई। एक अगस्त और 15 अगस्त की भी डेडलाइन निकल गई। 7 सितंबर को लक्ष्य रखा गया, लेकिन यह भी सिरे नहीं चढ़ा। इसके बाद अक्टूबर में भी तीन बार तारीख दी गई। मौजूद हालात को देखते हुए इसके अभी शुरू होने में संशय है। 
6 हजार टैबलेट, फिंगर प्रिंट रीडर, सिम कार्ड भी खरीदे गए: 
इस सर्वे को करवाने के लिए 6 हजार बेरोजगार युवा यानी सक्षम को जिला राजस्व अधिकारी के पास पंजीकृत किया गया। शिक्षकों सरकारी कर्मचारियों को भी जोड़ा गया। सभी को प्रशिक्षण दिया गया। प्रदेशभर में 6 हजार नए टैबलेट खरीदे गए। सर्वे के लिए फिंगर प्रिंट यंत्र खरीदे गए। सभी टैबलेट के लिए नए सिम कार्ड खरीदे गए। सभी टैबलेट में एप्लीकेशन लोड की गई। टैबलेट और सिम को मैच कर दिया गया ताकि टैबलेट में दूसरा कोई काम हो सके। 

सक्षम युवा भी परेशान, झेला आर्थिक नुकसान: सक्षम युवाओं का कहना है कि उन्हें मई और जून में पंजीकृत किया गया था। अब सर्वे के लिए पंजीकृत करने पर तीन हजार ही मिल पाए, यदि होते तो 9 हजार रुपए मिलते। छह माह में हरेक सक्षम को करीब 30 से 35 हजार रुपए का आर्थिक नुकसान झेलना पड़ा। इसके तहत एक साल के लिए अनुबंध कर सर्वे में ड्यूटी लगाई जानी थी, लेकिन सर्वे का काम ही शुरू नहीं हो पाया। 
रिलीव की प्रक्रिया शुरू:
जनसेवा सर्वे रोक दिया है। सक्षम को रिलीव करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। सर्वे के आदेश आएंगे तो प्रक्रिया को दोबारा शुरू किया जाएगा। - ब्रह्मप्रकाश,डीआरओ, रोहतक। जनसेवा सर्वे को लेकर अभी रोक के आदेश आए हैं। हमारी ओर से सभी टैबलेट अन्य तकनीकी कार्य पूरा है। जैसे ही आदेश आएंगे तो सर्वे का काम शुरू कर दिया जाएगा। - मुनीषबाबू गुप्ता, डीआईओ, रोहतक।