Wednesday, November 8, 2017

रेडक्रॉस फंड में 4.25 करोड़ रुपये का फर्जीवाड़ा: अंबाला के स्कूलों से 2.20 करोड़ और सोनीपत व करनाल से निकले दो करोड़

साभार: जागरण समाचार 
जरूरतमंदों की मदद के लिए जुटाया गया धन शिक्षा विभाग के अधिकारियों और अध्यापकों ने अपनी जरूरत के लिए इस्तेमाल कर लिया। बाकी जमा धन लंबे समय तक खातों में पड़ा रहा और जरूरतमंद रेडक्रॉस का
दरवाजा खटखटाते रहे। यह संवेदनहीनता किसी और महकमे में नहीं बल्कि शिक्षा विभाग में सामने आई। अंबाला सहित करनाल और सोनीपत जिले के ऑडिट में यह खुलासा हुआ। राज्यपाल एवं भारतीय रेडक्रॉस समिति हरियाणा की ओर से पहली दफा कराए जा रहे इस ऑडिट को चंडीगढ़ की टीम ने 23 से 31 अक्टूबर तक किया। इस दौरान अंबाला जिले के करीब 450 स्कूलों से फंड के 2.20 करोड़ और करनाल व सोनीपत के स्कूलों से जूनियर रेडक्रॉस फंड के दो करोड़ रुपये निकले हैं। अंबाला के अकेले SA जैन सी.सै. स्कूल ने फंड के 16 लाख रुपये जमा नहंी कराए है। अब इस स्कूल को नोटिस देने की तैयारी हो रही है। यह ऑडिट सभी जिलों में हो रहा है। दरअसल, स्कूलों के साथ-साथ कॉलेजों में पढ़ने वाले विद्यार्थियों से रेडक्रॉस फंड लिया जाता है। वर्ष 2011 में सरकार ने स्कूलों से रेडक्रॉस फंड के पूरे पैसे को स्टेट रेडक्रॉस खाते में जमा कराने का कहा था, लेकिन ज्यादातर स्कूलों ने ऐसे नहीं किया। वर्ष 2011 में यह प्रति साल 12 रुपये और वर्तमान में करीब 45 रुपये लिया जा रहा है।
कोई मंगवा रहा था फिनाइल तो कोई गाड़ी में डलवा रहा था डीजल: ऑडिट रिपोर्ट में यह सामने आया है कि किसी स्कूल में इस फंड से झाडू मंगवाई जा रही थी तो किसी में टाट-पट्टी। छह साल के अंतराल में कुछ जिला शिक्षा अधिकारियों व मौलिक शिक्षा अधिकारियों ने इस फंड से अपनी सरकारी गाड़ी में पेट्रोल और डीजल तक डलवाया। इसके साथ-साथ कुछ स्कूल इसे मिड-डे मील तो कुछ फिनाइल मंगवाने में इस्तेमाल कर रहे थे। बाद में इस पैसे को खातों में जमा करा देते थे, जबकि 2011 से पहले तक इस राशि का प्रयोग केवल विद्यार्थियों के वेलफेयर पर ही किया जाता था।
अंबाला के अलावा सोनीपत व करनाल में ऑडिट किया है। करीब चार करोड़ के आसपास राशि जमा हो गई है। कुछ स्कूलों में इस राशि का गलत इस्तेमाल हो रहा था। - डीआर शर्मा, सचिव रेडक्रॉस, चंडीगढ़।