साभार: भास्कर समाचार
डेरा प्रमुख को 25 अगस्त को जब पंचकूला की स्पेशल सीबीआई कोर्ट ने दोषी करार दिया, तो उसके बाद जो दंगे हुए उनकी भूमिका बनाने, तैयारी करने, प्लानिंग को सिरसा से पंचकूला तक पहुंचाने और फिर यहां दंगा
करवाकर निकलने के मामले में कई अहम खुलासे हुए हैं। इसी को आधार बनाकर पुलिस विपासना को क्लीनचीट नहीं देगी। वहीं, दूसरी ओर पुलिस की जांच में आदित्य और पवन के अलावा 20 से ज्यादा लोगों के नाम और डिटेल्स भी सामने आई है। पंचकूला पुलिस ने कई बार विपासना को जांच में शामिल होने को बुलाया, लेकिन वह सिर्फ एक बार आई। इस दौरान हनीप्रीत के सामने उस से पूछताछ भी की गई थी। इसमें साफ हो गया था कि मीटिंग में मौजूद थी। जिसके बाद उसने कुछ समय पुलिस से मांगा था, क्यों कि उसकी तबीयत खराब थी और वो पुलिस के सवालों का जवाब ही नहीं दे पा रही थी।
डेरा की संपत्ति की जांच करने के लिए आयकर विभाग रोहतक की एडीआई की ओर से सीजेएम कोर्ट में दायर याचिका पर फैसला बुधवार को होगा। मामले की सुनवाई मंगलवार को भी सीजेएम विजय जेम्स ने की और सरकार की ओर से सरकारी वकील टीम की ओर से एडवोकेट आशीष सिंगला पेश हुए। दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद सीजेएम ने बुधवार को फैसला सुनाने के आदेश जारी कर दिए। मामले की सुनवाई सुबह हुई लेकिन लंच बाद फैसला सुनाने को कहा गया। दोपहर बाद रोहतक से आयकर विभाग की ओर से एडीआई दाताराम भी सीजेएम कोर्ट पहुंचे। लेकिन सीजेएम ने बुधवार को इस मामले में फैसला सुनाने के आदेश जारी कर दिए। बता दें, यह मामला अदालत में बीते पखवाड़े से विचाराधीन है। इस मामले में एडीआई ने किसी भी तरह की टिप्पणी करने से इंकार कर दिया।