Sunday, December 17, 2017

नौकरियों में जातिगत डाटा पर गरमाई सियासत: जानिए किसने क्या कहा

साभार: भास्कर समाचार
हरियाणा में जाट, बिश्नोई समेत 6 जातियों के अारक्षण पर फिर सियासी पारा गरम हो गया है। यह सरगर्मी सरकार की ओर सरकारी नौकरियों में जारी किए गए जाति आधार पर आंकड़ों से बढ़ी है। प्रदेश सरकार जातिगत आंकड़ों में दिखाया है कि सरकारी नौकरियों में प्रदेश भर के कुल 241934 पदों में से 28.28 प्रतिशत प्रतिनिधत्व जाटों का है। सरकार के इन आंकड़ों पर जाट समुदाय ने नारजगी जाहिर की है। खुद केंद्रीय मंत्री बीरेंद्र सिंह ने प्रदेश सरकार पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि सरकार को यह भी सोचना चाहिए कि प्रदेश में 23 प्रतिशत जाट ऐसे हैं, जिनकी आमदनी एससी परिवारों की आय से भी कम है। उन्हें आरक्षण की जरूरत है, ताकि वे भी विकास की मुख्य धारा में लाए जाने चाहिए। वे शनिवार को गांव साहनपुर में एक जनसभा को संबोधित कर रहे थे। उधर, जाट नेता हवा सिंह सांगवान ने आरक्षण संघर्ष समिति के राष्ट्रीय अध्यक्ष यशपाल मलिक पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि मलिक ने सरकार के साथ समझौता करके जाटों के साथ धोखा किया है। वहीं , पानीपत में जबरजस्त आरक्षण संघर्ष समिति के राष्ट्रीय अध्यक्ष दलबीर जागलान ने बैठक कर कहा कि सरकार ये आंकड़े जारी कर लोगों गुमराह कर रही है। सरकार इस तरह के आंकड़े प्रस्तुत करके कोर्ट को भी भ्रमित करने का काम कर रही है।
बीसी-ए के आंकड़े भी गलत - बिश्नोई: सरकार ने बीसी-ए के आंकड़े भी गलत जारी किए हैं। जब प्रदेश में उनका कोटा ही 11% है तो यह 12.05 प्रतिशत कैसे हो सकते हैं। यही नहीं सरकार ने सेल्फ डिक्लरेशन का जो प्रोफार्मा जारी किया है उसमे उपजाति का जिक्र नहीं है। ऐसे में सही गणना कैसे होगी। - जयसिंह बिश्नोई, पूर्व सदस्य हरियाणा पिछड़ा वर्ग आयोग
सरकार आरक्षण के मसले को खींचना चाहती हैअखिलभारतीय जाट आरक्षण संघर्ष समिति के प्रदेश उपाध्यक्ष बलवान कोटड़ा ने कहा कि सरकार का यह आंकड़ा गलत है। हरियाणा बैकवर्ड कमीशन के पास यह आंकड़ा भेजने का मतलब है की जाट आरक्षण की मांग को किसी तरह लंबा खींचा जाए। जिला प्रधन प्रवीण किच्छाना ने कहा कि समिति गांव-गांव में सर्वे कर रही है। समिति 22 दिसंबर तक रिपोर्ट तैयार करेगी। 
इन पर जता रहे विरोध:
  • खाती, जांगड़ा, धीमान इनको बीसी में अलग दिखाया है जबकि तीनों एक ही जाति हैं। 
  • शकिया, सैनी माली भी एक ही जाति हैं लेकिन इनको भी अलग-अलग दिखाया है। 
  • कुम्हार, प्रजापति कुर्मी एक ही जाति के हैं इनको भी अलग-अलग दिखाया गया है। 
  • छिम्पी दर्जी को अलग-अलग दिखाया है जबकि दोनों एक ही जाती हैं। 
  • आधा प्रतिशत इस तरह की जातियों का डाटा दिया है जिनकी जातियां नहीं लिखीं। ऐसे 1200 लोग हैं जिनकी कोई जाति ही नहीं दिखाई है। 
समझौता करने वाले जवाब दें - हवा सिंहअखिल भारतीय जाट आरक्षण संघर्ष समिति के प्रदेशाध्यक्ष पूर्व कमांडेंट हवासिंह सांगवान ने कहा कि दो महीने पहले सरकार के साथ समझौता करने वाले जवाब दें कि उन्होंने क्या तय किया था। लड़के जाट आरक्षण के दौरान जेलों में बंद हैं, उनको बाहर निकालने का कोई रास्ता नहीं बना। 17 दिसंबर को कलायत में एक रैली का आयोजन किया जा रहा है। जिसमें उनसे जवाब मांगा जाएगा। 
मलिक बोले- हम आंकड़ों की स्टडी कर रहे हैं: अखिल भारतीय जाट आरक्षण संघर्ष समिति के राष्ट्रीय अध्यक्ष यशपाल मलिक ने कहा कि सरकार ने किस आधार पर ये आंकडे़ पेश किए हैं इसकी स्टडी कर रहे हैं। आरक्षण के लिए 3 अलग-अलग पहलू हैं और कोर्ट में सरकार ने किस आधार पर रिपोर्ट पेश की है इसकी भी स्टडी की जा रही है। इसको लेकर हमने एक मीटिंग की है बहुत जल्द बड़े स्तर पर एक मीटिंग बुलाएंगे।