साभार: भास्कर समाचार
कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने अपने धर्म को लेकर छिड़ी बहस पर पलटवार किया। बोले- मैं, मेरी दादी और मेरा परिवार शिवभक्त हैं। हम इस बारे में बोलते नहीं हैं, क्योंकि हमें लगता है कि हमारा जो धर्म है, वह हमारी
बात है। हमें किसी के सर्टिफिकेट की जरूरत नहीं है। हम इसका व्यापार और दलाली नहीं करना चाहते हैं अौर ही राजनीतिक उपयोग। सोमनाथ मंदिर में अपने दर्शन के विवाद पर राहुल ने कहा कि मैं मंदिर में गया था। मैंने विजिटर बुक में हस्ताक्षर किए। भाजपा के लोगों ने दूसरी बुक में मेरा नाम लिख दिया। मैं गैर हिंदू रजिस्टर में हस्ताक्षर करूंगा। झूठ फैलाने की उन्हें आदत हैं। सरदार-नेहरूअच्छे मित्र थे: सरदारपटेल की उपेक्षा के आरोपों पर भी राहुल ने पहली बार जवाब दिया। बोले- सरदार पटेल और नेहरूजी अच्छे मित्र थे। उनमें पॉलिटिकल डिफरेंस जरूर थे। वे साथ जेल भी गए, लेकिन यहां ऐसा झूठ फैलाया जाता है मानो दोनों दुश्मन थे। सच में तो सरदार पटेल आरएसएस विरोधी थे। अमरेली में एक जनसभा में राहुल ने कहा कि यदि हमारी राज्य में सरकार बनी तो हम चुनाव जीतने के दस दिन के अंदर किसानों का कर्ज माफ कर देंगे।