Friday, November 10, 2017

Smog: दिल्ली में 13 से 17 नवंबर तक ऑड-ईवन लागू गुड़गांव-फरीदाबाद जिले के स्कूल आज रहेंगे बंद

साभार: भास्कर समाचार
दिल्ली में गुरुवार को भी जहरीला स्मॉग फैला रहा। इसके कारण 41 ट्रेनें देरी से चलीं, 9 ट्रेनों का समय बदला गया और 10 ट्रेनें रद्द करनी पड़ीं। इसे देखते हुए एनजीटी, हाईकोर्ट और राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने केंद्र
और राज्य सरकारों को फटकार लगाई। इसके बाद दिल्ली सरकार ने इस साल पहली बार और दो साल में तीसरी बार ऑड-ईवन फॉर्मूला लागू करने का ऐलान किया। यह 13 से 17 नवंबर तक लागू रहेगा। 13,15 और 17 को ऑड नंबर यानी ऐसी कारें जिनके नंबर के आखिरी में 1,3,5,7,9 जैसे अंक हैं, वहीं सड़कों पर नजर आएंगी। 14 16 को ईवन यानी ऐसी कारें, जिनके नंबर के आखिरी में 2,4,6,8,10 जैसे अंक हैं, सड़क पर चल सकेंगी। उधर, हरियाणा सरकार ने गुड़गांव और फरीदाबाद के स्कूलों में शुक्रवार की छुट्‌टी घोषित की है। 
एनसीआर में आने वाले हरियाणा के 13 जिलों के डीसी को निर्देश दिए हैं कि वे स्कूलों का टाइम टेबल इस तरह बदलवाएं, जिससे शहर में ट्रैफिक जाम की स्थिति बने। शिक्षा विभाग ने स्कूलों का समय सुबह 9 से दोपहर 3.30 बजे तक किया था। लेकिन एक साथ छुट्टी होने से ट्रैफिक जाम की स्थिति बन जाती है। वहीं, गुड़गांव और फरीदाबाद जिले के स्कूलों में शुक्रवार की छुट्टी की गई है। पर्यावरण विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव धीरा खंडेलवाल ने गुरुवार को वीडियो काॅन्फ्रेंसिंग में उपायुक्तों को यह निर्देश दिए। पानीपत, मुरथल और गुड़गांव के खेड़कीदौला टोल प्लाजा पर जाम लगने देने को कहा है। पुलिस विभाग को वहां पर ट्रैफिक पुलिस की टीम तैनात करने को कहा है। एनसीआर रीजन में चल रहे करीब 200 अवैध ईंट-भट्टों समेत ज्यादातर को बंद करा दिया है। 
वाहनों के लिए 13 से 17 नवंबर तक सुबह 8 से रात 8 बजे तक ऑड-ईवन फॉर्मूला लागू करने की घोषणा। डीटीसी से इन दिनों में 500 बसें भी उतारने को कहा गया है। पिछले साल 1 से 15 जनवरी और 15 अप्रैल से 30 अप्रैल तक ऑड-ईवन लागू किया गया था। धूल हटाने के लिए पेड़ों पर पानी का छिड़काव भी शुरू कर दिया गया है। 
समिति बनाने का फैसला, राज्यों को निर्देश जारी: केंद्रीय पर्यावरण सचिव सीके मिश्रा ने केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ईपीसीए के अधिकारियों के साथ बैठक की। 7 सदस्यों वाली एक उच्च स्तरीय समिति बनाने का फैसला किया गया। मंत्रालय ने प्रभावित राज्यों से ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान लागू करने को कहा है। हरियाणा, पंजाब, दिल्ली, यूपी, राजस्थान के पर्यावरण विभाग के सचिवों की बैठक बुलाई है। 
मानवाधिकार आयोग ने प्रदूषण रोकने के लिए उचित कदम नहीं उठाने पर संबंधित प्राधिकरणों की आलोचना की। इसे जानलेवा संकट बताते हुए कहा कि साफ हवा में सांस लेना और गरिमापूर्ण ढंग से जीने का अधिकार ही मानवाधिकार है। सरकारों की लाचारी ने इसका हनन किया है। साथ ही केंद्र समेत दिल्ली, हरियाणा और पंजाब सरकारों से प्रदूषण रोकने के लिए उठाए गए कदमों की जानकारी दो हफ्ते के अंदर देने को कहा है। 
हाईकोर्ट ने इसे इमरजेंसी की स्थिति बताते हुए कई निर्देश जारी किए। कहा- सरकार कृत्रिम बारिश करवाने के लिए क्लाऊड सीडिंग, ऑड-ईवन लागू करने, निर्माण कार्यों पर रोक लगाने और सड़क पर पानी का छिड़काव करने के विकल्पों पर गंभीरता से विचार करे। ट्रैफिक जाम होने देने और केंद्र के साथ सभी पड़ोसी राज्यों के मुख्य सचिवों की 3 दिन में बैठक कराने के निर्देश दिए। बेंच ने इसे लंदन की 'पी सूप फॉग' (काला और जानलेवा फॉग) जैसी स्थिति बताया। 
एनजीटी ने केंद्र, दिल्ली सरकार पड़ोसी राज्यों के रुख को शर्मनाक बताया। पूछा- सुनवाई से एक दिन पहले ही प्रदूषण की रोकथाम के उपाय क्यों शुरू किए? हेलिकॉप्टर से कृत्रिम बारिश क्यों नहीं कराई जा रही है? संविधान नागरिकों को साफ वातावरण ा हक देता है, लेकिन सरकारें लोगों से जीने का अधिकार छीन रही हैं। एनजीटी ने दिल्ली-एनसीआर में 10 साल से पुराने डीजल एवं 15 साल से पुराने पेट्रोल वाहन और कंस्ट्रक्शन का सामान लाने वाले ट्रकों-ट्रैक्टर-ट्रॉलों का प्रवेश प्रतिबंधित कर दिया। 14 नवंबर तक सभी तरह की औद्योगिक गतिविधियां भी रोक दी हैं। सभी संबंधित प्राधिकरणों से स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करने को कहा है। अगली सुनवाई 14 नवंबर को होगी।