साभार: जागरण समाचार
पिछड़ा वर्ग आयोग के निर्देश के बावजूद हरियाणा सरकार के अधिकतर अधिकारी अपनी जाति बताने से परहेज कर रहे हैं। इस कारण राज्य सरकार को अब सख्ती बरतनी पड़ रही है। मुख्य सचिव डीएस ढेसी की ओर से जारी
परिपत्र में राज्य के सभी एचसीएस अधिकारियों को यथाशीघ्र अपनी जाति के बारे में जानकारी देने को कहा गया है। पिछली हुड्डा सरकार की तर्ज पर मनोहर सरकार ने भी जाटों समेत छह जातियों को विशेष श्रेणी में दस फीसद आरक्षण दिया था, जिसे हाई कोर्ट में चुनौती दी गई। इस पर हाई कोर्ट ने पिछड़ा वर्ग आयोग को निर्देश दिए कि आरक्षण का पूरा प्रारूप तैयार कर कोर्ट में पेश किया जाए, जिसके बाद आयोग ने राज्य सरकार से अधिकारियों व कर्मचारियों का जातिगत आंकड़ा तलब कर लिया। हरियाणा में जाट आरक्षण का विरोध करने वाली लॉबी का मानना है कि प्रदेश में उच्च पदों पर जाति विशेष का कब्जा है, ऐसे में उन्हें आरक्षण की जरूरत नहीं है। 1हरियाणा में इस समय आइएएस कॉडर में कुल 212 पद स्वीकृत हैं, जिनमें 148 सीधी भर्ती और 64 पदोन्नति के साथ तैनात किए जाते हैं। वर्तमान में 144 आइएएस कार्यरत हैं और 18 केंद्र व अन्य स्थानों पर प्रतिनियुक्ति में सेवाएं दे रहे हैं। एचसीएस के 208 पदों को बढ़ाकर हाल ही में सरकार ने 300 कर दिया है लेकिन वर्तमान में 197 ही डयूटी दे रहे हैं। मुख्य सचिव ने प्रदेश के सभी 208 एचसीएस अधिकारियों को पत्र जारी करके निर्देश दिए हैं कि वह बिना किसी देरी के अपनी जाति घोषित करें।